UP Nikay Chunav 2023: मायावती की लोकसभा रणनीति! बोलीं- बसपा में मुस्लिम समाज की उचित भागीदारी

UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के चलते सियासी गलियारों में हलचल तेज है। इसी कड़ी में मायावती ने फिर मुस्लिम वोटों को लेकर निशाना साधा है।

Update:2023-04-30 16:56 IST
Mayawati (Image: Social Media)

UP Nikay Chunav 2023: सियासत का गढ़ माने जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी उथल-पुथल है। इसके पीछे वजह है निकाय चुनाव। रविवार को बसपा सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट मुस्लिम प्रत्याशियों और वोट बैंक की तरफ सभी का ध्यान केंद्रित किया। यूपी निकाय चुनाव में बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट देकर समुदाय विशेष के वोट बैंक को अपनी तरफ किया है। इसके साथ ही ट्वीट कर साम्प्रदायिक पार्टियों पर निशाना भी साधा।

बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यूपी निकाय चुनाव के अन्तर्गत 17 नगर निगमों में मेयर पद के लिए हो रहे चुनाव में बीएसपी द्वारा मुस्लिम समाज को भी उचित भागीदारी देने को लेकर यहाँ राजनीति काफी गरमाई हुई है, क्योंकि उससे खासकर जातिवादी एवं साम्प्रदायिक पार्टियों की नींद उड़ी हुई है। आगे उन्होंने ने लिखा बीएसपी ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ की नीति व सिद्धान्त पर चलने वाली अम्बेडकरवादी पार्टी है तथा उसी आधार पर यूपी में चार बार अपनी सरकार चलाई। मुस्लिम व अन्य समाज को भी हमेशा उचित प्रतिनिधित्व दिया। अतः लोगों से अपने हित पर ज्यादा व विरोधियों के षडयंत्र पर ध्यान न देने अपील।

बसपा ने उतारे 11 मुस्लिम प्रत्याशी

यूपी निकाय चुनाव में बसपा सुप्रीमों मायावती ने मुस्लिम वोट बैंक को साधने का प्रयास किया। यूपी के 17 मेयर प्रत्याशियों में से 11 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने चार-चार उम्मीदवार उतारें हैं। भाजपा ने 17 महापौर प्रत्याशियों में एक भी उम्मीदवार मुस्लिम नहीं चुना। ऐसे में मुस्लिम प्रत्याशियों के जरिए वोट बैंक को लाभ लेते हुए मायावती ने साप्रदायिक पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने ने कहा कि बसपा में सबकी उचित भागीदारी है।

लोकसभा के चुनाव में मिल सकता है लाभ

मायावती ने दूरदर्शी नजरिए के तहत निकाय चुनाव में मेयर उम्मीदवार पदों पर 64 फीसद से ज्यादा मुस्लिमों को उतार कर लोकसभा के लिए वोट बैंक तैयार कर लिया है। इससे करीब राज्य की करीब 20 फीसद मुस्लिम आबादी को साधने की कोशिश की है। इससे समाजवादी पार्टी के परंपरागत वोट बैंक को भी अपने तरफ करने संभावना है। सियासी जानकारों का कहना है कि बसपा ने लोकसभा की रणनीति के तहत मुस्लमानों को प्रत्याशी बनाया है।

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