वाह री, यूपी पुलिस ! FIR लिखने में भी फेल, राबर्ट को बना डाला प्रियंका की पत्नी

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में जब पुलिस कमिश्ररी सिस्टम लागू किया तो बढ़-चढ़ कर दावा किया था कि अब पुलिस की कार्यशैली बदल जाएगी। लोगों को शिकायतों पर त्वरित प्रतिक्रिया मिलेगी और कमिश्ररी की पुलिस ऑनलाइन शिकायतें दर्ज किया करेगी।

Update: 2020-10-02 11:02 GMT
वाह री, यूपी पुलिस ! FIR लिखने में भी फेल, राबर्ट को बना डाला प्रियंका की पत्नी (social media)

लखनऊ: अपराध रोकने में फेल उत्तर प्रदेश की पुलिस को एफआईआर दर्ज करना भी नहीं आता। एफआईआर लिखने में फेल यूपी पुलिस का यह हाल किसी गांव या कस्बे का नहीं बल्कि योगी सरकार की श्रेष्ठता कसौटी की छाप वाली कमिश्ररेट पुलिस का है। नोएडा कमिश्ररेट पुलिस ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के दौरान उनके पति राबर्ट वाड्रा को उनकी पत्नी बताया है।

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उत्तर प्रदेश में जब पुलिस कमिश्ररी सिस्टम लागू किया तो बढ़-चढ़ कर दावा किया था

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में जब पुलिस कमिश्ररी सिस्टम लागू किया तो बढ़-चढ़ कर दावा किया था कि अब पुलिस की कार्यशैली बदल जाएगी। लोगों को शिकायतों पर त्वरित प्रतिक्रिया मिलेगी और कमिश्ररी की पुलिस ऑनलाइन शिकायतें दर्ज किया करेगी। लेकिन योगी सरकार की अत्याधुनिक कमिश्ररेट पुलिस की नोएडा टीम का हाल यह है कि उसे पुलिस रिपोर्ट भी शुद्ध तरीके से दर्ज करनी नहीं आती है। गुरुवार को यमुना एक्सप्रेस वे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। बाद में पुलिस ने देर शाम राहुल-प्रियंका समेत एक दर्जन से ज्यादा नेताओं पर मुकदमा भी दर्ज किया है।

PHOTO- FIR COPY

पुलिस की प्राथमिकी में दो बड़ी गलतियां की गई हैं

पुलिस की प्राथमिकी में दो बड़ी गलतियां की गई हैं। राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बताया गया है जबकि वह पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं लेकिन इससे बड़ी गलती पुलिस ने प्रियंका गांधी के मामले में की है। राहुल गांधी के नाम के सामने उनके पिता का नाम राजीव गांधी लिखा गया है लेकिन प्रियंका गांधी के नाम के सामने उनके पति राबर्ट वाड्रा का नाम पत्नी बताते हुए दर्ज किया गया है। नोएडा पुलिस की यह कारस्तानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और लोग योगी सरकार की पुलिस का जमकर मजाक बना रहे हैं।

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PHOTO- FIR COPY

जिस पुलिस को हिंदी में भी प्राथमिकी दर्ज करना नहीं आता है

लोगों का कहना है कि जिस पुलिस को हिंदी में भी प्राथमिकी दर्ज करना नहीं आता है वह अपराधियों के खिलाफ मुकदमा कैसे तैयार करती है। यह सभी को समझ जाना चाहिए। यही वजह है कि अदालत में जाकर मामले खत्म हो जाते हैं। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि नोएडा से लेकर यूपी के सभी जिलों में पुलिस केवल भाजपा सरकार का राजनीतिक हित साधने में लगी हुई है। इसके एवज में पुलिस को सरकार ने भ्रष्टाचार और खुली वसूली की छूट दे रखी है। ऐसी पुलिस पर एफआईआर लिखने का बोझ डाला जाएगा तो यही होगा।

अखिलेश तिवारी

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