पेंशन के आवेदन पेंडिंग रखने वाले बाबू पर कड़ी कार्रवाई, अब जीवनभर रहेगा याद

संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने प्रवासी लोगों के राशन कार्ड बनाने के मामले में शिथिलता बरतने पर ब्लाक के सभी सचिवों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने को कहा।

Update:2020-06-09 20:11 IST

बलिया: संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने जिले के विकास खण्ड दुबहड़ परिसर में आयोजित जनचौपाल कार्यक्रम में आज ब्लॉक स्तर पर पेंशन का आवेदन लंबित होने पर नाराजगी जताते हुए दोषी बाबू को निलंबित करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रवासी लोगों के राशन कार्ड बनाने के मामले में शिथिलता बरतने पर ब्लाक के सभी सचिवों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने को कहा।

मंत्री ने अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

योगी सरकार में आम लोगों से जुड़े कल्याणकारी योजनाओं को लेकर लगातार कड़ी हिदायत दी जा रही है। लेकिन जमीनी धरातल पर वास्तविक स्थिति को देख आज संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री शुक्ला अत्यंत नाराज दिखे। जिले के विकास खण्ड दुबहड़ परिसर में आयोजित जनचौपाल कार्यक्रम में आज प्रतिभाग करते हुए उन्होंने अपनी आंखों से जन कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी धरातल पर स्थिति को देखा। जनचौपाल में उन्होंने मौजूद लोगों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान बाहर से आए प्रवासियों के राशन कार्ड बनाने के लिए फॉर्म नहीं लेने पर ब्लॉक के सभी सचिवों को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने को कहा। जन चौपाल में मंत्री श्री शुक्ला का विशेष फोकस आम जनता से जुड़ी योजनाओं पर रहा।

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पेंशन योजना की समीक्षा के दौरान ब्लॉक स्तर पर प्रकरण लंबित होने पर राज्यमंत्री ने सवाल किया। उन्होंने ब्लॉक के सम्बंधित लिपिक से पूछताछ की। उन्होंने सख्त लहजे में कहा- कई दिनों से चेतावनी देने के बावजूद सुधार नहीं होना अक्षम्य है। सीडीओ इसकी जांच करें और जो बाबू दोषी मिलता है उसके निलम्बन की कार्यवाही सुनिश्चित कराएं। प्रवासियों का राशन कार्ड बनाने के लिए सचिवों ने कितने फार्म लिए, इसकी समीक्षा की। पाया कि जनाड़ी के सात और नगवा के मात्र दो फार्म के अलावा किसी भी गांव का एक भी फार्म फीड नहीं हुआ है। इस पर नाराज मंत्री ने एक-एक सचिवों से पूछताछ की और कड़ी फटकार लगाई। सीडीओ को निर्देश दिया कि सभी सचिवों की प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की जाए।

मनरेगा योजना बनी संजीवनी, रोजाना कार्य कर रहे 70 हजार श्रमिक- मंत्री

राज्यमंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि कोरोना की वजह से लागू हुए लॉकडाउन में रोजगार धंधों पर असर जरूर पड़ा। पर इसमें भी कोई संदेह नहीं कि मजदूर तबके के लोगों के लिए मनरेगा योजना संजीवनी बनकर उभरी। मनरेगा योजना के जरिए कमजोर वर्ग के लोग रोजगार से जुड़े रहे और आय प्राप्त करते रहे। इससे उनका आर्थिक संतुलन बना रहा। हमारा यही प्रयास है कि बाहर से आए हर प्रवासी को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए। आज जिले में प्रतिदिन 70 हजार से अधिक मजदूर कार्य कर रहे हैं। राज्यमंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि मनरेगा योजनान्तर्गत मजदूरों को कार्य करने के बाद हप्ते से दस दिन में भुगतान की व्यवस्था की गई है। इसके लिए अधिकारी ततपरता से काम करें। जिलाधिकारी के स्तर से सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। राज्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से समूह की महिलाएं भी आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हैं।

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दुबहड़ ब्लॉक के सलेमपुर गांव में एक अंधे व्यक्ति को 2015 में आवास योजना का लाभ मिला। लेकिन विभाग की ओर से लाभार्थी को आधा धन ही मिला। उसके बाद कोई किश्त जारी नहीं की गई। अंधा होने के बावजूद वह विभाग का चक्कर काटता रहा। जनचौपाल के दौरान जब मामला मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के संज्ञान में आया तो कड़ी नाराजगी जताते हुए डीडीओ को जिम्मेदारी सौंपी कि आज ही इस मामले की जांच कर दोषी को सस्पेंड कर अवगत करावें। सख्त लहजे में चेताया कि आवास के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत मिली और वह सही निकली तो दोषी कर्मी सस्पेंड ही नहीं होंगे, बल्कि जेल की हवा भी खानी पड़ेगी। गांव में लोगों को योजनाओं के प्रति जागरूक करें। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि 2022 तक सबके पास पक्का घर हो। पंचायत सचिव एक जगह बैठकर नहीं, बल्कि गांव में घर-घर जाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।

विकास से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी समझें अपनी जिम्मेदारी- मंत्री

जनचौपाल में ब्लॉक प्रमुख ज्ञानेंद्र राय गुड्डू व अन्य अधिकारियों ने बुके देकर मंत्री शुक्ल का स्वागत किया। उन्होंने भी नए-नए कार्य का सृजन कर मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार देने पर जोर दिया। समाज कल्याण अधिकारी विजय शंकर ने बताया कि अब हर पात्रों को पेंशन मिलेगी, इसके लिए अब कोई लक्ष्य नहीं है। उप निदेशक कृषि ने किसानों के लिए लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी। अन्य प्रमुख विभागीय योजनाओं की भी जानकारी सम्बंधित अधिकारियों ने दी। जनचौपाल के दौरान मनरेगा मजदूरों के बीच वितरण के लिए पांच सौ मास्क दिया गया।

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राज्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग में ग्राम स्तरीय कर्मियों का अभाव था, जिसे सरकार बनने के बाद खत्म कर दिया गया। आज हर 10 से 12 हजार की जनसंख्या पर एक ग्राम विकास अधिकारी या ग्राम पंचायत अधिकारी जनता की सेवा के लिए तैनात हैं। लेकिन, यह भी जरूरी है कि विकास से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को समझें। सचिव अपने गांव में लगातार सबके सम्पर्क में रहें। हर पात्रों को योजनाओं का लाभ दिलाएं। यह भी ध्यान में रहे कि किसी भी अपात्र को कोई लाभ नहीं मिलना चाहिए, वरना सम्बंधित की जवाबदेही तय की जाएगी।

कोरोना से बचाव व मनरेगा की उपयोगिता की दी जानकारी

कोरोना के नोडल व मनरेगा की जिम्मेदारी संभाल रहे विपिन जैन ने कहा कि वर्तमान में कोरोना और मनरेगा दोनों एक दूसरे से सम्बंधित हैं। इस महामारी की वजह से बाहर से आ रहे लोगों को रोजगार देने की बड़ी योजना मनरेगा योजना है। इसके जरिए अधिक से अधिक लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है, ताकि उनको भरण पोषण में दिक्कत नहीं हो। जैन ने कहा कि आज भी जनपद की पोजिशन ठीक है। मरीज मिल रहे हैं, और ठीक होकर घर वापस भी जा रहे हैं। रोजगार सृजन पर भी हमारा विशेष फोकस है। रसड़ा ब्लॉक जैसे सूखे की संभावनाओं वाले क्षेत्रों में तालाब खुदाई के जरिए बहुत सारे मजदूरों को कार्य देने की योजना है।

श्री जैन ने ग्राम प्रधानों से अपील किया कि बीमार व्यक्ति या संदिग्ध की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार तब तक नहीं हो, जब तक कि पीएचसी सीएचसी का डॉक्टर लिख कर न दें। हमारी आपसी संवेदनशीलता व जागरूकता ही कोरोना को मात देने का काम करेगी। सीडीओ बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि दुबहड़ ब्लॉक के 53 गांवों में मनरेगा के तहत 101 कार्य गतिमान हैं। उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि संयुक्त मजिस्ट्रेट व मनरेगा उपायुक्त विपिन कुमार जैन के नेतृत्व में पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ काम हो रहा है। श्री जैन ने बाहर से आए प्रवासियों के लिए अलग से अभियान से चलाकर जॉब कार्ड बनवाया और उनसे कम से कम 28 दिन के कार्य का आवेदन लेने की व्यवस्था की।

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इसी का नतीजा है कि आज प्रतिदिन 70 हजार से अधिक श्रमिक काम कर रहे हैं। सीडीओ ने बताया कि 15 जून को 20 हजार श्रमिकों को काम दिया जाएगा। नए कार्य की तलाश करने की जिम्मेदारी प्रधान-सचिव को सौंपी गई है। कच्चे कार्य को प्राथमिकता पर रखने को कहा गया है। रोटी कपड़ा मकान की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ग्राम्य विकास पूरी क्षमता के साथ लगा हुआ है।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर

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