UP MLC Election 2023: MLC चुनाव को लेकर भाजपा विधानमंडल दल की बैठक आज, विधायकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
UP MLC Election 2023: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की दो रिक्त सीटों के लिए कल यानी सोमवार 29 मई को मतदान होने जा रहा है। इन दोनों सीटों के लिए मुख्य लड़ाई सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के बीच है।
UP MLC Election 2023: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की दो रिक्त सीटों के लिए कल यानी सोमवार 29 मई को मतदान होने जा रहा है। इन दोनों सीटों के लिए मुख्य लड़ाई सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के बीच है। विधान परिषद की दोनों सीटों पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। राजधानी लखनऊ स्थि लोकभवन में विधानमंडल की बैठक बुलाई गई है। जिसमें बीजेपी के अलावा सहयोगी दलों के विधायकों को शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं।
विधानमंडल दल की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक के अलावा तमाम कैबिनेट मंत्री मौजूद रहेंगे। बैठक में शामिल होने को लेकर बीते दिनों ही प्रदेश नेतृत्व ने सभी विधायकों को शनिवार शाम तक लखनऊ पहुंच जाने का निर्देश दिया था। इस बैठक में शामिल होना सभी विधायकों के लिए आवश्यक है। उपचुनाव के लिए होने जा रहे मतदान को लेकर पार्टी व्हिप जारी कर सकती है।
भाजपा विधायकों को देगी ट्रेनिंग
सत्तारूढ़ बीजेपी सदन में भारी बहुमत होने के बावजूद कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। क्रॉस वोटिंग की किसी भी प्रकार की आशंका को खत्म करने के लिए भगवा दल सभी विधायकों को पार्टी के ही दोनों प्रत्याशियों को मतदान करने का व्हिप जारी करने का फैसला किया है। इसके अलावा 28 मई को होने वाली बैठक में विधायकों को दो अलग-अलग मत देकर उस पर मतदान करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ताकि विधायकों द्वारा गलती किए जाने की गुंजाइश को कम किया जा सके। ट्रेनिंग के लिए विधायकों का लोकभवन पहुंचना हुआ शुरू हो गया है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना देंगे सभी विधायकों को प्रशिक्षण देंगे।
बीजेपी और सपा से कौन – कौन हैं मैदान में ?
विधान परिषद की दो सीटों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बहराइच के पूर्व सांसद पद्मसेन चौधरी और झांसी से पूर्व बीजेपी विधायक कुंवर मानवेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने मऊ निवासी पूर्व एमएलसी रामजतन राजभर और धोबी बिरादरी से आने वाले रामकरण निर्मल को अपना कैंडिडेट घोषित किया है।
दो सीटें रिक्त होन के कारण आई चुनाव की नौबत
दरअसल, विधान परिषद के एक सदस्य की मृत्यु हो जाने और दूसरे के इस्तीफा देने के कारण दो सीटें रिक्त हुई हैं। बीजेपी के लक्ष्मण आचार्य ने सिक्किम के राज्यपाल का पद संभालने के लिए विधान पार्षद के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक था। वहीं, दूसरे सदस्य बनवारी लाल दोहरे का निधन हो गया था और उनका कार्यकाल 6 जुलाई 2028 तक था।
बीजेपी को वॉकओवर नहीं देगी सपा
विधान परिषद के उपचुनाव में 20 साल बाद मतदान होने जा रहा है। इससे पहले साल 2002 में ऐसी स्थिति बनी थी, जब रालोद के उम्मीदवार मुन्ना सिंह के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी यशवंत ने पर्चा भर दिया था। हालांकि, इस चुनाव में आरएलडी उम्मीदवार अपनी सीट निकालने में कामयाब रहा। तब से लेकर अब तक उपचुनाव में वोटिंग की नौबत नहीं आई है। लेकिन इस बार सारे समीकऱण विपरीत होने के बावजूद समाजवादी पार्टी भाजपा को वॉकओवर देने के मूड में नही है।
विधान परिषद की जिन दो सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है, वे उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की हैं। विधानसभा के कुल विधायकों में से 255 अकेले भाजपा के हैं, सहयोगी दलों के नंबर मिला लिए जाएं तो ये आंकड़ा बढ़कर 274 हो जाता है। एमएलसी चुनाव में जीत के लिए 202 विधायकों के वोटों की जरूरत होती है। ऐसे में दोनों सीटों पर बीजेपी की जीत तय नजर आ रही है।