यूपी की जेलों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर होगी 3 साल की सजा
संशोधन के बाद जेल में मोबाइल फोन समेत अन्य प्रतिबंधित वस्तु पकड़े जाने पर तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना होगा।
लखनऊ: यूपी की जेलों में मोबाइल फोन समेत अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के इस्तेमाल पर पूरी तरह से लगाम कसने के लिए सजा को और सख्त बनाया जा रहा है।
कारागार विभाग 1894 के प्रिजन ऐक्ट की धारा 42 और 43 में संशोधन करने जा रहा है।
संशोधन के बाद जेल में मोबाइल फोन समेत अन्य प्रतिबंधित वस्तु पकड़े जाने पर तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना होगा।
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लेकिन मोबाइल फोन का इस्तेमाल किसी और अपराध में हुआ तो तीन साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना अलग से होगा।
कारागार के अधिकारियों के मुताबिक जेल में मोबाइल फोन समेत अन्य प्रतिबंधित चीजों के इस्तेमाल पर प्रिजन एक्ट की धारा 42 और 43 के तहत छह महीने की सजा और 200 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। यह दंड काफी कम है।
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अब जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को पूरी तरह से रोकने के लिए इस धारा में संशोधन किया गया है। इसमें जो भी बंदी प्रतिबंधित सामान रखने का दोषी होगा, उसे धारा 43 के तहत तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना लगेगा।
ये सजा उसके मूल अपराध की सजा से अलग होगी। अगर कोई जेलकर्मी या अधिकारी उसे मोबाइल फोन या अन्य प्रतिबंधित सामान जेल के अंदर उपलब्ध करवाते हैं तो वे भी इस धारा के तहत दंडित किया जाएगा।
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