कोरोना के खिलाफ एकजुट हुए सभी धर्मगुरु, की ये बड़ी अपील
धर्म गुरुओं ने जनता से कोविड विजेताओं और उनके परिवारों का सम्मान करने व किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचने की भी अपील की। उन्होंने कोविड की जंग में बढ़ चढ़ कर योगदान दे रहे सभी स्वास्थ्यकर्मियों के योगदान को सराहा और उनका सम्मान करने की गुहार लगाई।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के धर्मगुरुओं ने बुधवार को आयोजित वेबिनार में जनता से मास्क का प्रयोग करने व सोशल डिसटेन्सिंग का पालन करने की अपील की। धर्म गुरुओं ने जनता से कोविड विजेताओं और उनके परिवारों का सम्मान करने व किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचने की भी अपील की। उन्होंने कोविड की जंग में बढ़ चढ़ कर योगदान दे रहे सभी स्वास्थ्यकर्मियों के योगदान को सराहा और उनका सम्मान करने की गुहार लगाई।
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यूएसएआईडी के सहयोग से
स्फीयर इंडिया द्वारा यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं वर्ड विजन इंडिया के तत्वावधान में यूएसएआईडी के सहयोग से किया। इस वेबिनार में यूपी के 47 जिलों से लगभग 250 धर्मगुरूओं तथा सिविल सोसायटी सदस्यों ने हिस्सा लिया। वेबिनार में दारूल उलूम देवबंद के डिप्टी वाइस चांसलर मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा कि कोरोना से सभी धर्म व वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे है।
हमें सभी प्रकार के भेदभाव भूल कर जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। इस्लाम भी हमे यही सिखाता है। काशी के विश्वनाथ मंदिर के पुजारी टेक नारायण उपाध्याय ने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों को कोविड नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मास्क का प्रयोग, हाथ धोने व उचित दूरी के नियमों का पालन अवश्य करें।
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10 लाख लोग लाभान्वित
आगरा महाधर्म प्रांत के जनसंपर्क अधिकारी फादर वर्गीस कुन्नाथ ने कहा कि वह कई ऐसे परिवारों को जानते है, जहां लोग कोरोना से तो जीत चुके है पर अभी भी मानसिक भय में जी रहे है। उनके परिवारों के साथ लोग भेदभाव करते है। ऐसा व्यवहार लोगों में भय को जन्म देता है और वे अपने कोविड लक्षणों को छुपाने लगते है। तो आगरा के ही गुरु का ताल गुरुद्वारे के ग्रंथी बाबा प्रीतम सिंह ने बताया कि बीते कुछ महीनों में कैसे उनके गुरुद्वारे द्वारा लंगर का आयोजन कर लाखों भूखों को भोजन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लंगर सेवा से अब तक करीब 10 लाख लोग लाभान्वित हो चुके है। करीब 500 प्रवासी मजदूरों को चप्पलें वितरित की गई है।
शाही इमाम ने कहा
वेबिनार में लखनऊ स्थित ऐशबाग ईदगाह के शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि कोविड के समय समुदाय की भूमिका अहम है। हम सब मिलकर कोरोना के संक्रमण की चेन को तोड़ सकते है। एक-दूसरे का सहयोग करे और जरूरतमंदों की मदद करें। लखनऊ के मनकामेश्वर मठ की महंत देव्यागिरि ने कहा कि सभी धर्मगुरुओं को कोविड विजेताओं का सम्मान करना चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से धर्मगुरु इन विजेताओं का सम्मान कर सकते है, इससे लोगों के मन में कोरोना विजेताओं के प्रति आदर बढ़ेगा। ब्रहमकुमारी की राधा बहन ने लोगो से सकारात्मकता बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि बीते कुछ महीनों से लोग बहुत ही नकारात्मकता में जी रहे है, जिसका प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
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*इससे पहले वेबिनार में स्पीयर इंडिया के सीईओ विशांत महाजन ने कहा कि इस महामारी के दौर में लोगों को करीब लाने में धर्मगुरुओं की भूमिका बहुत ही अहम है। धर्मगुरुओं की सहभागिता जनता में बढ़ रहे भेदभाव को कम करने में सहायक हो सकती है। धर्मगुरु कोविड से बचाव को सुनिश्चित करने की अहम कड़ी हैं।
*यूनिसेफ यूपी की चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस रूथ लीयानो ने बच्चों तथा महिलाओं से जुड़े मुददों पर धर्म गुरुओं के सहयोग पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में धर्मगुरुओं ने बच्चों व महिलाओं से जुड़े मुद्दों को सदैव प्राथमिकता दी है और भ्रांतियां मिटाने में अहम भूमिका निभाई है। चाहे वह पोलियों का टीकाकरण कार्य हो या हाल ही में चला खसरा और रूबेला टीकाकरण, धर्म गुरुओं ने बढ़-चढ़ कर कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया है।
*विश्व स्वास्थ्य संगठन की नेशनल प्रोग्राम मेनेजर ऋतु चैहान ने कहा कि कोविड किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। ऐसे में धर्मगुरु और सभी धार्मिक संस्थाएं लोगों को कोविड से बचाव के नियमों का पालन करने के लिए तथा किसी भी भेदभाव से बचने के लिए प्रेरित करने में आम भूमिका निभा सकती हैं।
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*यूपी के निदेशक संचारी रोग डा. राजेंद्र कपूर ने कहा कि धर्मगुरु लोगों को कोविड से बचाव के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। साथ ही लोगों को यह भी समझा सकते है कि त्योहारों को घर पर सादगी के साथ मनाएं और ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा हो। कोविड के कारण बढ़े भेदभाव को कम करने के साथ ही धर्मगुरु कोविड महामारी से जुड़ी भ्रांतियों को मिटाने में अहम भमिका निभा सकते है।
रिपोर्टर- मनीष श्रीवास्तव