शहनाई सम्राट बिस्मिल्लाह खां की अंतिम निशानी पर संकट, सोमा घोष ने लगाई गुहार
सोमा घोष कहती हैं कि बिस्सिल्लाह खां का घर हमारे लिए एक मंदिर के समान हैं। इसी घर में उन्होंने साधना की और आखिरी सांस तक इसी कमरे में रहे।
वाराणसी: शहनाई सम्राट बिस्मिल्लाह खां के पैतृक विवाद को लेकर विवाद गहरा गया है। बिस्मिल्लाह खां की दत्तक पुत्री और शास्त्रीय संगीत गायिका सोमा घोष का आरोप है कि कुछ लोग बिस्मिल्लाह खां के निवास पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। सोमा घोष ने वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा से इस बात की शिकायत की है।
सोमा घोष ने कमिश्नर-डीएम से की अपील
सोमा घोष कहती हैं कि बिस्सिल्लाह खां का घर हमारे लिए एक मंदिर के समान हैं। इसी घर में उन्होंने साधना की और आखिरी सांस तक इसी कमरे में रहे। कुछ लोग उसमें तोड़फोड़ कर रहे हैं। हमें पता नहीं है कि वो कौन लोग हैं ? परिवार के लोग बहुत रो रहे हैं।
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नाजिम भाई कह रहे हैं कि अब्बा की आखिरी निशानी को बचा लिया जाए। मेरी बनारस के डीएम और कमिश्नर से अपील है कि उस कमरे को बचा लिया जाए।
उस्ताद की अंतिम निशानी है ये मकान
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भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का पैतृक आवास शहर के हड़हासराय स्थित भीखाशाह लेन में हैं। इस मकान में के सबसे ऊपर बने कमरे में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां फज़्र की नमाज़ के बाद रियाज़ करते थे। यह कमरा आज भी भारत की महत्वपूर्ण धरोहर है। पर अब इस धरोहर को 12 अगस्त की रात से क्षेत्र के एक बिल्डर द्वारा कमर्शियल बिल्डिंग बनाये जाने एक लिए तोड़ा जा रहा है। इसपर उस्ताद के सबसे छोटे बेटे नाज़िम हुसैन और उनकी गोद ली हुई बेटी और प्रसिद्द शास्त्रीय संगीत गायिका सोमा घोष ने अपना विरोध दर्ज कराया है।
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शहनाई सम्राट भरता रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि आगामी 22 अगस्त को है। उस्ताद का घर इन दिनों उनके घर के ही कुछ लोग रिकंस्ट्रक्शन के परपज़ से एक बिल्डर से तोड़वा रहे हैं पर इस रिकंस्ट्रक्शन के नाम पर परिजनों ने उस्ताद के उस कमरे को सबसे पहले धराशाई करना शुरू कर दिया है जिसमे वो रियाज़ करते थे और रहते थे।
रिपोर्ट- आशुतोष सिंह