Varun Gandhi को लेकर भाजपा के एक वर्ग में बढ़ी नाराजगी, अपनी ही पार्टी की घेरेबंदी करने की कोशिश में वरुण गांधी
Varun Gandhi: वरुण गांधी ने रविवार को अपनी ही पार्टी की घेरेबंदी करने की कोशिश की तो पार्टी के अंदर एक वर्ग को यह बात अच्छी नहीं लग रही है ।
Varun Gandhi: पिछले दो महीनों से लगातार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी (varun gandhi news today) को लेकर पार्टी के अंदर अब तरह तरह के सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में भाजपा कार्यसमिति में जगह न मिलने के जब उन्होंने एक बार फिर रविवार को अपनी ही पार्टी की घेरेबंदी करने की कोशिश की तो पार्टी के अंदर एक वर्ग को यह बात अच्छी नहीं लग रही है ।
दरअसल, रविवार को उन्होंने ट्वीट (Varun Gandhi Today tweet) किया जिसमें कहा गया कि लखीमपुर खीरी (Varun Gandhi Lakhimpur kheri Tweet ) को हिंदू बनाम सिख लड़ाई में बदलने की कोशिशें की जा रही है। ये पूरी तरह से अनैतिक है और झूठ फैलाया जा रहा है। उनके इस बयान का सीधा सा मतलब देश में हुए सिख दंगों (sikh dange) से है।
भाजपा सांसद वरुण गांधी (BJP MP Varun Gandhi Ka Bayan) की इस तरह की टिप्पणी कोई पहली बार नहीं आई हैं। इसके पहले भी वह कई बार किसानों के मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र (Varun Gandhi Latter CM Yogi) लिखकर उसे सार्वजनिक कर चुके हैं।
सीएम योगी को भेजा पत्र (Varun Gandhi ka Yogi ko khat)
पिछले दिनों ही वरुण गांधी ने किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Varun Gandhi Write Letter CM Yogi) को तीन पत्र लिखकर किसानों की तरफदारी करने का काम किया था। जहां एक तरफ भाजपा सरकारें किसान आंदोलन (varun gandhi kisan andolan) और पीलीभीत कांड (Pilibhit Kand) को लेकर बचाव की मुद्रा में थी। वहीं वरुण गांधी की इन चिट्ठियों ने भाजपा नेतृत्व में चुभन पैदा करने का जरूर काम किया।
यही नहीं, उन्होंने ट्विटर पर लखीमपुर की घटना से सम्बन्धित एक वीडियो भी पोस्ट कर दिया। जिसमें उन्होंने अपनी ही सरकार को एक तरह से घेरने का काम किया।
चार अक्टूबर को भी सीएम योगी को लिखा पत्र
इससे पहले चार अक्टूबर को सीएम योगी को लिखे पत्र में वरुण गांधी ने लिखा, निवेदन है कि इस घटना में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिन्हित कर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा (hatya ka mukadma) कायम कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। आगे लिखा गया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई द्वारा समयबद्ध सीमा में जांच कराना ठीक होगा। साथ ही वरुण गांधी (Varun Gandhi Ka Bayan) ने कहा कि पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाए।
जबकि 27 सितम्बर को उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में गन्ना मूल्य बढाने की मांग की थी। साथ ही यह भी कहा कि पिछले चार सालों में गन्ने की लागत, खाद, बीज, कीटनाशक, बिजली, पानी, डीजल, मजदूरी, ढुलाई आदि का खर्चा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। परंतु मूल्य में मामूली बढ़ोतरी की गई।
भाजपा सांसद वरूण गांधी ने इस पत्र के माध्यम से राज्य सरकार से शिकायत करते हुए कहा, इस विषय में मैंने एक पत्र के माध्यम से आपसे निवेदन किया था कि गन्ना किसानों की दुर्दशा, गन्ने की बढ़ती लागत और महंगाई दर को देखते हुए इस वर्ष गन्ने का मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाना चाहिए।