धर्म संसद: कड़े फैसले लेने के मूड में विहिप, राम मंदिर निर्माण की हो सकती है घोषणा
अयोध्या में राम मंदिर मामले में 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई टलने से विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। विहिप के साथ तमाम साधु संत इंतजार कर रहे थे कि 29 जनवरी को इस संबंध में कोई न कोई निर्णय लिया जाएगा।
प्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर मामले में 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई टलने से विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। विहिप के साथ तमाम साधु संत इंतजार कर रहे थे कि 29 जनवरी को इस संबंध में कोई न कोई निर्णय लिया जाएगा।
सुनवाई टलने के बाद विहिप पदाधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि धर्म संसद में धर्माचार्यों की मौजूदगी में तय कर दिया जाएगा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कब शुरू किया जाएगा।
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पिछले दिनों विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि वे अब मंदिर पर फैसले का और इंतजार नहीं कर सकते। दरअसल, विहिप की धर्म संसद 31 जनवरी और एक फरवरी को कुंभ नगर में आयोजित है। इसके आयोजन को लेकर पिछले कई दिनों से विहिप शिविर में तैयारी की जा रही है।
चर्चा इस बात की है कि धर्म संसद में संतों की मौजूदगी में विहिप राम नवमी से मंदिर निर्माण का काम शुरू करने का एलान कर सकती है। उधर, सोमवार को अयोध्या मामले में सुनवाई टलने से विहिप नेता खासे नाराज दिखे। प्रांत संगठन मंत्री मुकेश जी ने कहा कि केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने पिछले दिनों ही प्रेस कांफ्रेंस में कह दिया था कि इस मामले में सुनवाई टलेगी। ऐसा हुआ भी। विहिप के केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी के मुताबिक अब राम मंदिर के लिए और इंतजार नहीं किया जा सकता।
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इसी वजह से कुंभ नगरी में हो रही धर्म संसद में मंदिर निर्माण को लेकर ठोस निर्णय ले लिया जाएगा। धर्म संसद में देश भर के सभी प्रमुख संत भी शिरकत कर रहे हैं। इन संतों के एक ही छत के नीचे आने से राम मंदिर निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
विहिप के प्रदेश प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि,‘सुनवाई का अब और इंतजार नहीं किया जा सकता। दो दिन बाद होने वाली धर्म संसद में राममंदिर निर्माण की तारीख को लेकर धर्माचार्य अपना निर्णय देंगे।'
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