विकास का नेटवर्क: इस सीडी में कैद हैं कई बड़े नाम, STF ने शासन को सौंपी
जानकार सूत्रों के मुताबिक विकास ने चार बड़े करीबी कारोबारियों, 11 विधायकों और मंत्रियों और पांच पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के करीबी होने की बात बताई है।
अंशुमान तिवारी
कानपुर। कुख्यात बदमाश विकास दुबे ने एनकाउंटर से पहले उज्जैन से कानपुर आने के दौरान पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान विकास ने कई कारोबारियों, विधायकों व मंत्रियों और बड़े अफसरों के नाम बताए और उनसे करीबी रिश्ता होने की बात कही। एसटीएफ की ओर से विकास से हुई पूछताछ और उसके बयान की सीडी बनाकर शासन और प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी गई है।
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एनकाउंटर से पहले बयां की पूरी दास्तान
सूत्रों का कहना है कि उज्जैन से कानपुर आते समय रास्ते भर विकास सोया नहीं था। वह बीच में कुछ देर के लिए सीट पर सिर टिका कर आंखें जरूर बंद कर लेता था। सूत्रों के मुताबिक उज्जैन से कानपुर की लंबी यात्रा के दौरान कुख्यात बदमाश ने दो जुलाई की रात बिकरू गांव में हुई घटना से लेकर उज्जैन में अपनी नाटकीय गिरफ्तारी तक की पूरी दास्तान बताई। पूछताछ में उसने कई बड़े लोगों से अपनी मित्रता होने की भी जानकारी दी।
कई बड़े कारोबारियों और नेताओं से थे रिश्ते
जानकार सूत्रों के मुताबिक विकास ने चार बड़े करीबी कारोबारियों, 11 विधायकों और मंत्रियों और पांच पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के करीबी होने की बात बताई है। उसने अपनी संपत्तियों का ब्योरा देने के साथ ही यह भी बताया कि ये संपत्तियां किसके नाम पर हैं। उसने अवैध तरीके से जुटाई गई अपनी काली कमाई के निवेश और अन्य खर्चों के बारे में भी एसटीएफ को जानकारी दी। एसटीएफ की ओर से उसके बयान का पूरा वीडियो बनाया गया है जिसकी सीडी शासन और ईडी को सौंपी गई है।
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पुलिस अफसरों से दोस्ती की बात स्वीकारी
सूत्रों ने बताया कि विकास ने एसटीएफ की टीम को जानकारी दी कि सरकार और शासन में पकड़ होने के कारण वो ट्रांसफर -पोस्टिंग का काम भी करता था। उसने कुछ महीने पूर्व एक थानेदार और चार चौकी प्रभारियों की तैनाती कराने की भी जानकारी दी। उसने दो आईपीएस अफसरों और तीन एएसपी से अपनी दोस्ती होने की जानकारी दी। उसका कहना था कि वह समय-समय पर इन अफसरों से बातचीत भी किया करता था।
आर्थिक साम्राज्य की परतें खोलेगा ईडी
इस बीच राजनीतिक संरक्षण व पुलिस की मिलीभगत से पनपे विकास के अपराधिक व आर्थिक साम्राज्य की परतें खोलने के लिए सक्रियता बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक ईडी की ओर से जल्द ही विकास के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। ईडी की ओर से इस बाबत भी जांच की जाएगी कि क्या विकास और उसके परिवार व सहयोगियों ने देश-विदेश में अवैध चल-अचल संपत्ति खरीदी थी? अभी तक मिली जानकारी के अनुसार विकास ने अपनी आपराधिक गतिविधियों के जरिए अकूत संपत्ति बनाई है। उत्तर प्रदेश व आसपास के इलाकों के साथ ही विदेश में भी उसकी संपत्ति होने की जानकारी मिली है।
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एनकाउंटर की जांच कराने की मांग
उधर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में विकास व उसके साथियों के एनकाउंटर की घटना की जांच सीबीआई, एनआईए या कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की गई है। शीर्ष अदालत में दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए ताकि इनमें शामिल पुलिसकर्मियों व नेताओं की भूमिका का पता चल सके। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता विशेष राजवंशी ने भी मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर को पत्र लिखकर विकास दुबे के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
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