चोपन-चुनार रेल लाइन दोहरीकरणः बजट 1080 करोड़, मिले महज पांच करोड़

उत्तर मध्य रेलवे के बिल्ली जंक्शन से चोपन-चुनार 108 किमी. रेल खण्ड दोहरीकरण के 1080 करोड़ का बजट निर्धारित है...

Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-08-18 08:18 GMT

चोपन-चुनार रेल लाइन दोहरीकरण

सोनभद्र। 2020-21 के बजट में उत्तर मध्य रेलवे के बिल्ली जंक्शन से चोपन-चुनार 108 किमी. रेल खण्ड दोहरीकरण के 1080 करोड़ का बजट निर्धारित है, लेकिन अबतक इस कार्य के लिए महज पांच करोड़ रुपए ही मिले हैं। इससे कार्य की गति प्रभावित हो गई है। चोपन-चुनार रेलखंड कोयला और अन्य खनिजों की ढुलाई की प्रमुख रेलवे लाइन मार्ग और कोल इंडिया का कॉरिडोर है। दिल्ली- हावड़ा रेल मार्ग का यह वैकल्पिक रुट भी है। सोनभद्र में एक मात्र चोपन-चुनार रेलखंड पर ही दोहरीकरण कार्य कराया जाना शेष बचा है। इस रेल लाइन दोहरीकरण कार्य के लिए 2020-21 के बजट में 1080 करोड़ की धनराशि निर्धारित है, लेकिन अभी तक इसके मुकाबले पांच करोड़ की ही धनराशि अवमुक्त हो सकी है। इसके चलते सर्वे आदि का ही काम हो पाया है। रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य अभी शुरू नहीं हो सका है। 

  कार्य पूरा होने के बाद बढ़ेगी रेलवे की आय 

 चोपन-चुनार एकल रेल खण्ड पर गति सीमा 100 किमी प्रति घंटे बढ़ाये जाने के लिए चल रहे इंजीनियरिंग कार्य, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, हॉल्ट स्टेशन निर्माण आदि का कार्य कराया जा रहा है। इस कार्य और रेल दोहरीकरण का कार्य पूरा होने के बाद इस रेलखंड के जरिए, जहां सड़क मार्ग की जगह रेलमार्ग से कोयले की ज्यादा से ज्यादा ढुलाई और यात्री गाडियों का संचालन भी बढ़ेगा। वहीं, रेलवे की आय में वृद्धि के साथ आम जनमानस को प्रदूषण से मुक्ति भी मिलेगी। -

केंद्रीय मंत्रिमंडल से स्वीकृति लेकर शीघ्र धनराशि कराएं अवमुक्त

रेल भवन दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति उत्तर मध्य रेलवे के सदस्य एसके गौतम और सांसद पकौड़ी लाल कोल ने चोपन चुनार रेलखंड के दोहरीकरण के लिए निर्धारित बजट की स्वीकृति शीघ्र केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति से कराकर, धनराज को मुक्त कराने की मांग की ताकि रेल दोहरीकरण परियोजना शीघ्र पूरी हो सके। वहीं, चोपन चुनार के बीच ट्रक की गति 100 किमी प्रति घंटा करने के लिए चल रहे कार्य की रेलवे बोर्ड़ स्तर से नियमित समीक्षा कराने की भी मांग की, ताकि कार्य समय सीमा में पूरे हो सके। मामले में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहल का भरोसा देते हुए बताया कि वह कोयला क्षेत्र से पूर्व से परिचित हैं। उनकी पूरी कोशिश होगी कि उच्च प्राथमिकता से सभी कार्य पूरे कराए जाएं। सिंगरौली से भोपाल , सिंगरौली से निज़ामुद्दीन, सिंगरौली से कटनी-मैमू ट्रेन ,चोपन से कटनी एवं शक्तिनगर से वाराणसी इंटरसिटी ट्रेनों के शीघ्र संचालित करने की भी मांग रखी गई।                      

दो ट्रेनों के संचालन को मिली हरी झंडी

कोरोना काल में बंद की गई जनपद से सटे सिंगरौली से चलने वाली दो ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू किए जाने को हरी झंडी मिल गई है। नार्दन रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, सिंगरौली-भोपाल एक्सप्रेस और सिंगरौली-हजरत निजामुद्दीन सुपरफास्ट एक्सप्रेस का संचालन सिंगरौली से 22 अगस्त से शुरू कर दिया जाएगा। 

सिंगरौली-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस साप्ताहिक ट्रेन है, जिस का संचालन प्रत्येक रविवार को सिंगरौली से होगा। सिंगरौली भोपाल एक्सप्रेस सिंगरौली से मंगलवार और बृहस्पतिवार को उपलब्ध रहेगी। दोनों ट्रेनों की समय सारणी भी जारी कर दी गई है।

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