Sonbhadra: 44.41 करोड़ से मिलेगी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के काम को तेजी, चोपन-चुनार रेलखंड पर 100 किमी/घंटा की गति से दौड़ाई जानी है ट्रेनें

Sonbhadra: उत्तर मध्य रेलवे के तहत आने वाले चोपन-चुनार रेलखंड की गति सीमा बढ़ाए जाने के लिए चल रहे कार्य को तेजी देने के लिए रेलवे बोर्ड की तरफ से 44.41 करोड़ रुपए की स्वीकृति के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-02-18 16:26 IST

सोनभद्र: इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग सिस्टम बहाल 

Sonbhadra: उत्तर मध्य रेलवे के तहत आने वाले चोपन-चुनार रेलखंड की गति सीमा बढ़ाए जाने के लिए चल रहे कार्य को तेजी देने के लिए रेलवे बोर्ड की तरफ से 44.41 करोड़ रुपए की स्वीकृति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस बाबत निदेशक (प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग) रेलवे बोर्ड पंकज कुमार की तरफ से दो दिन पूर्व महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे को पत्र भी जारी किया जा चुका है। इससे जहां कार्य को तेजी मिलेगी, वहीं निर्धारित समयावधि सितंबर 2022 तक चोपन-चुनार रेलखंड की गति सीमा सौ किमी करने के काम को पूर्ण होने की उम्मीद बढ़ गई है।

बताते चलें कि उक्त धनराशि अंब्रेला वर्क उप कार्य के लिए वर्ष 2021-22 में प्रस्तावित थी, लेकिन कोराना के कारण अंब्रेला वर्क में प्रस्तावित धनराशि पर पूरे देश में रोक लगा दी गई। अब जब कोराना में ढील सामने आई तो है तो इस धनराशि को संबंधित कार्य के लिए अवमुक्त करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाने लगे हैं।

चेयरमैन से मिलकर उठाई गई थी इसकी मांग

पिछले दिनों क्षेत्रीय रेल परामर्श दात्री समिति उत्तर मध्य रेलवे एसके गौतम राज्यसभा सांसद रामशकल के साथ रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं सीईओ विनय कुमार त्रिपाठी से मिले थे और कोविड-19 कारण रोक दी गई उक्त धनराशि को शीघ्र स्वीकृत कर जारी करने का अनुरोध किया था।

15 नवंबर 2021 को प्रयागराज में आयोजित क्षेत्रीय सलाहकार समिति बैठक में भी श्री गौतम की तरफ से इस तरफ अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। उस पर महाप्रबंधक ने लिखित रूप से आश्वस्त किया था कि धनराशि जारी किए जाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड भेजा जा चुका है।

स्वीकृति मिलते ही गति सीमा बढ़ाने के काम में तेजी ला दी जाएगी। अब जब धनराशि स्वीकृति हो गई है और आचार संहिता खत्म होने के बाद इसे अवमुक्त होने की उम्मीद जताई जा रही है तो इसको देखते हुए गति सीमा बढ़ाए जाने के काम को भी निर्धारित समयावधि के भीतर पूर्ण होने की उम्मीद बढ़ गई है।

सिर्फ 63 किमी का काम बचा हुआ है शेष

बताते चलें कि चोपन-चुनार रेलखंड के रॉबर्ट्सगंज, लूसा, खैराही और सक्तेशगढ़ रेलवे स्टेशनों पर अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली इंटरलॉकिंग कार्य पूरे हो गए हैं। शेष बचे चुर्क और अघोरी खास स्टेशन पर मार्च 2022 तक इंटरलॉकिंग कार्य पूर्ण कर लिया जाना है।

वहीं चुर्क से लूसा स्टेशन तक 40 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर 100 किलोमीटर गति सीमा बढ़ाए जाने का कार्य पूरा हो गया और इन स्टेशनों के बीच रेलगाड़ियां 100 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ भी रही हैं। शेष बचे 63 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर कर्व, घुमाव, टीटीएम, रेल पटरियों को बदलने आदि का कार्य किया जाना है। विश्वनाथपुरी में नए हाल्ट स्टेशन का निर्माण कार्य जारी है।

कई राज्यों को मिलेगा इससे लाभ

चोपन-चुनार रेल खंड की गति सीमा बढ़ाने का कार्य पूर्ण होने के बाद जहां सभी ट्रेनों को सौ किमी गति से दौड़ाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। वहीं इसका सीधा लाभ सोनभद्र के साथ ही मध्यप्रदेश के सिंगरौली तथा झारखंड के सीमावर्ती जनपदों के लोगों को भी मिलने लगेगा।

वहीं रेलगाड़ियों की लेट लतीफी से छुटकारा मिलने के साथ ही नई ट्रेनो के भी आवागमन का रास्ता बनता नजर आएगा। बता दें कि सिंगरौली से चोपन, शक्तिनगर से करैला रोड और चोपन से रमना रेल खंडों पर दोहरीकरण कार्य तेजी से जारी है। वहीं इन रेल खण्डों पर विद्युतीकरण का काम पिछले वर्ष ही पूरा हो चुका है। 

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