Sonbhadra: सोनभद्र में प्रकृति का रौद्र रूप, गिरे ओलों ने मचाई भीषण तबाही, फसलों को भारी नुकसान

Sonbhadra: सोनभद्र में बृहस्पतिवार को दोपहर बाद प्रकृति की मार ने जमकर तबाही मचाई।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-02-24 10:05 GMT

सोनभद्र में प्रकृति का रौद्र रूप

Sonbhadra: सोनभद्र में बृहस्पतिवार को दोपहर बाद प्रकृति की मार ने जमकर तबाही मचाई। अचानक से बिगड़े मौसम के बीच जगह-जगह तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलाबारी ने फसलों की किसानों को रुला कर रख दिया। इससे हजारों हेक्टेयर में बोई गई गेहूं तथा दलहनी-तिलहनी फसलों को खासा नुकसान बताया जा रहा है। वहीं, अभी भी मौसम खराब बना रहने से जिले के अन्य हिस्सों के किसानों के भी धड़कन बढ़ी हुई है।

बताते चलें कि जहां गेहूं की बालियां अपने विकास पर हैं। वहीं चना, मटर, मसूर के साथ ही सरसों की फसल भी धीरे-धीरे तैयार होने की तरफ बढ़ रही है। इस बार बीच-बीच में बारिश होने के कारण गेहूं के साथ ही दलहनी और तिलहनी फसलों की भी अच्छी स्थिति मानी जा रही थी। इस बीच बृहस्पतिवार को दोपहर एक बजे के करीब अचानक से बिगड़े मौसम के कुछ देर बाद ही राबर्ट्सगंज, घोरावल तहसील के कई गांव में ओलाबारी की स्थिति ने हड़कंप मचा कर रख दिया।

फसल तबाह होता देखते रहे

चतरा ब्लाक के पिथौरी, रामगढ़ इलाका, राबर्ट्सगंज ब्लॉक के देउरा, करमा ब्लॉक के करमा, यमसोखर, देवरी, पगिया, वैनी, रानीतारा, बारी महेवां, कसया खुर्द, कसया कला, जोकाहीं, घोरावल ब्लॉक के विसुंधरी, भैंसवार आदि गांवों में हुई ओलाबारी ने किसानों की नींद उड़ा कर रख दी।

बताते हैं कि कई जगहों पर 15 से 20 मिनट तक ओला बारी होती रही, जिससे पूरा इलाका ही ओलों से पट सा गया। ओलों की मार इतनी तेज थी कि जिसको जिधर जगह मिली, उसने उधर ही बचाव के लिए दौड़ लगा दी। किसान दिवस होकर ओलों की मार के चलते अपनी फसल तबाह होता देखते रहे।

इसके चलते जहां फसलों को भारी नुकसान बताया जा रहा है। वहीं खाद, बीज की बढ़ी कीमतों की मार झेल रहे किसानों के लिए प्रकृति की इस मार ने बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। बता दें की सोनभद्र में दो तिहाई से अधिक आबादी का जीवन यापन कृषि पर निर्भर है।

ऐसे में ओलाबारी की मार ने किसानों और मजदूर दोनों वर्गों की चिंता बढ़ा दी है। किसान नेता गिरीश पांडेय का कहना था कि बृहस्पतिवार को जिले में गिरे ओलों ने खेती को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसका सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को मदद नहीं पहुंचाई गई तो कई किसानों के सामने फाकाकशी नौबत आ जाएगी ।

पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के जिलाध्यक्ष रमाकांत त्रिपाठी ने बताया कि रावर्टसगंज विकास खंड के उत्तरी गांव देउरा, ओइनी , करकी सहित दर्जनों गांव में ओलाबारी होने के साथ-साथ चतरा विकास खंड के गांव बनौली, सेधुआरी, विक्रम पुर, कोरियांव, सरई, शिवपुर, भवानी गांव, बिहटा, अमहटा, पुर्ना, नरोत्तमपुर, बभनगांव, सौली सहित पचासों गांव में ओले गिरने से खेत में लगे सरसों के फूल पूरी तरह से गिर गए हैं । मटर, चना, मसूर की फसल को भी औसतन 50% से अधिक नुकसान हुआ है। जिलाधिकारी से राजस्व टीम गठित कर फसलों के नुकसान की समीक्षा कराने और मुआवजा दिलाने की मांग की है।

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