महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर नकेल कसने में सबसे आगे है योगी सरकार
एनसीआरबी की इस रिपोर्ट की माने तो यूपी में योगी सरकार आने के बाद महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों का ग्राफ घटा है। वर्ष 2019 की रिपोर्ट बताती है कि इस साल यूपी में महिला संबंधी सबसे ज्यादा 59 हजार 853 मामलें दर्ज किए गए और इनमे से 55.2 प्रतिशत यानी 15 हजार 579 मामलों मामलों में यूपी पुलिस ने आरोपितों को सजा दिलाई।
लखनऊ: यूपी में विपक्षी दल भले ही योगी सरकार पर महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा न कर पाने और राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ने पर हमला कर रहे है लेकिन नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों द्वारा जारी वर्ष 2019 के आंकड़ों के मुताबिक देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में सजा दिलाने में योगी सरकार अन्य सभी राज्य सरकारों से आगे है। यूपी पुलिस ने महिला संबंधी अपराधों में 15 हजार 579 आरोपितों को सजा दिलाई है, जिसमे 193 आरोपितों को उम्रकैद तथा 05 को फांसी तक की सजा दी गई है।
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यूपी में योगी सरकार आने के बाद महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों का ग्राफ घटा है
एनसीआरबी की इस रिपोर्ट की माने तो यूपी में योगी सरकार आने के बाद महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों का ग्राफ घटा है। वर्ष 2019 की रिपोर्ट बताती है कि इस साल यूपी में महिला संबंधी सबसे ज्यादा 59 हजार 853 मामलें दर्ज किए गए और इनमे से 55.2 प्रतिशत यानी 15 हजार 579 मामलों मामलों में यूपी पुलिस ने आरोपितों को सजा दिलाई। आरोपितों को सजा दिलाने के मामलें में यूपी के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर तथा मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा।
यूपी में दुष्कर्म के 3065 मामलें दर्ज किए गए
अगर 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बात करें तो वर्ष 2019 में यूपी में महज 272 मुकदमें दर्ज किए गए जबकि इस दौरान राजस्थान में सबसे ज्यादा 1314 मामलें, केरल में 1271 और आंध्र प्रदेश में 561 मामलें दर्ज किए गए। रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में दुष्कर्म के 3065 मामलें दर्ज किए गए जबकि इसी अवधि में राजस्थान में सबसे ज्यादा 5997 मामलें दर्ज किए गए। दुष्कर्म के मामलों में यूपी का स्थान देश में 26वें स्थान पर है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2019 में दुष्कर्म की घटनाओं में 22.33 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जबकि इस साल पहली जनवरी से 15 सितंबर तक की अवधि में बीते तीन वर्षों की तुलना में दुष्कर्म की घटनाओं में 27.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
यूपी में योगी सरकार आने के बाद महिलाओं के साथ अपराध के मामलों में लगातार कमी आई है
रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में योगी सरकार आने के बाद महिलाओं के साथ अपराध के मामलों में लगातार कमी आई है। यूपी में 2016 के मुकाबले 2020 में बलात्कार के मामलों में 42.24 फीसदी कमी आई है, जबकि महिलाओं के अपहरण के मामलों में करीब 39 फीसदी कमी आई है। यूपी में योगी सरकार के आने से पहले वर्ष 2016 में एनसीआरबी के रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक आईपीसी के तहत दर्ज मामलों में यूपी 9.5 प्रतिशत के साथ पहले नंबर पर था, जबकि 8.9 प्रतिशत के साथ मध्य प्रदेश दूसरे, 8.8 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र तीसरे तथा 8.7 प्रतिशत के साथ केरल चैथे स्थान पर था।
2016 में बलात्कार की सबसे ज्यादा घटनाओं में भी मध्य प्रदेश के बाद यूपी दूसरे नंबर पर था
वर्ष 2016 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में देश में सबसे अधिक 49 हजार 262 मामलें यूपी में दर्ज किए गये थे। इस दौरान बलात्कार की सबसे ज्यादा घटनाओं में भी मध्य प्रदेश के बाद यूपी दूसरे नंबर पर था। बच्चों से जुड़े अपराधों में भी इस वर्ष 09 हजार 657 मामलों के साथ यूपी अव्वल था, जबकि पाक्सों एक्ट से जुडे़ मामलों में भी यूपी यूपी टाप पर था।
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यूपी में योगी सरकार के आने के बाद प्रदेश में महिलाओं और बलिकाओं के साथ घटित घटनाओं पर कार्रवाई करते हुए पॉक्सो एक्ट के अभियुक्तों के खिलाफ सरकार ने न्यायालयों में साक्ष्यों के आधार पर मजबूत पैरवी कर सजा दिलायी गई तो लखनऊ पुलिस के साथ वूमैन पावर लाइन 1090 और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को मजबूत और सक्रिय किया गया। योगी सरकार ने प्रदेश भर एंटी रोमियो स्क्वाड की तैनाती के साथ सादी वर्दी में जगह-जगह महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। यूपी 112 इंडिया मोबाइल एप रात्रि सुरक्षा कवच योजना, महिला हेल्प डेस्क के साथ चैराहों पर पिंक बूथ बनाए गए है। मुख्यमंत्री योगी स्वयं महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर कड़ी निगरानी रखे हुए है और इस संबंध में हर महीने अधिकारियों के साथ बैठक करते है।
मनीष श्रीवास्तव
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