घर खरीदना आसान: योगी सरकार देगी बड़ी राहत, होने जा रही ये तैयारी
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में संपत्तियों की खरीद-बिक्री में रजिस्ट्री व स्टांप शुल्क की दर घटाने पर विचार कर रही है। केंद्र से मिली सलाह के बाद योगी सरकार ने भी कवायद तेज कर दी है।
लखनऊ: प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश में संपत्तियों की खरीद-बिक्री में रजिस्ट्री व स्टांप शुल्क की दर घटाने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार से मिली सलाह के बाद योगी सरकार ने भी कवायद तेज कर दी है। इससे अर्थ व्यवस्था के धीमे हो रहे पहिए को गति दी जा सकेगी।
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केंद्र सरकार ने पिछले दिनों राज्य सरकारों अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में सुझाव दिया है कि महाराष्ट्र राज्य सरकार की तर्ज पर अपने राज्य में स्टांप व रजिस्ट्री शुल्की दरों में कमी लाएं जिससे अर्थ व्यवस्था में आई मंदी में कमी लाई जा सके। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दिनों संपत्तियों की रजिस्ट्री पर लगने वाला शुल्क घटाकर महज दो फीसदी कर दिया है।
मौजूदा दर आगामी दिसंबर माह तक लागू रहेगी इसके बाद रजिस्ट्री की दर बढकर तीन प्रतिशत हो जाएगी जो पूर्व दर से भी कम होगी। अब तक महाराष्ट्र में संपत्तियों की रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टांप शुल्क की दर पांच प्रतिशत हुआ करती थी। केंद्र सरकार का प्रस्ताव स्वीकार करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन दिन पहले ही ऐलान कर दिया कि उनकी सरकार दो प्रतिशत स्टांप शुल्क घटाने के लिए तैयार है। केंंद्र सरकार के सुझाव को मानते हुए अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी स्टांप शुल्क की दर घटाने पर राजी है।
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महाराष्ट्र में सकारात्मक असर देखने को मिले
प्रदेश के स्टांप व पंजीयन मंत्री रवींद्र कुमार ने न्यूज ट्रैक से बातचीत में स्वीकार किया कि सरकार इस बारे में गंभीर है। स्टांप शुल्क की दरों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही उचित फैसला किया जाएगा। कोरोना वायरस से फैली महामारी की स्थिति में सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड गई हैं। ऐसे में स्टांप शुल्क की दर घटाने से राजस्व बढने की उम्मीद की जा रही है। महाराष्ट्र में इसके सकारात्मक असर देखने को मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरी झंडी मिलने के बाद कैबिनेट बैठक से पास कराया जाएगा।
फरवरी में महंगा हुआ था पंजीकरण
प्रदेश सरकार ने फरवरी 2020 में संपत्तियों के पंजीकरण का शुल्क बढाकर एक प्रतिशत कर दिया था। पहले संपत्ति का पंजीकरण केवल 20 हजार रुपये ही हुआ करता था लेकिन प्रदेश सरकार ने संशोधन कर इसे संपत्ति मूल्य का एक प्रतिशत कर दिया था इससे संपत्तियों की रजिस्ट्री लागत बढ गई थी। उत्तर प्रदेश में संपत्तियों की रजिस्ट्री कराने पर स्टांप शुल्क की दर सात प्रतिशत है। प्रापर्टी कारोबारियों का मानना है कि सरकार के इस कदम से बडी संपत्तियों की रजिस्ट्री में कमी आई है। इससे संपित्तयों का मूल्य बढ गया है।
अखिलेश तिवारी
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