UP के सरकारी कर्मचारियों को झटका! ये 6 भत्ते खत्म, अब इतनी कम मिलेगी सैलरी

कोरोना महामारी की वजह से राज्य की सरकारें वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रही हैं। इस संकट से निपटने के लिए कई राज्यों ने कई कड़े कदम उठाए हैं। अब इस बीच उत्तर प्रदेश की सरकार ने राज्य कर्मचारियों के भत्तों में कटौती की है।

Update: 2020-05-12 03:47 GMT

लखनऊ: कोरोना महामारी की वजह से राज्य की सरकारें वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रही हैं। इस संकट से निपटने के लिए कई राज्यों ने कई कड़े कदम उठाए हैं। अब इस बीच उत्तर प्रदेश की सरकार ने राज्य कर्मचारियों के भत्तों में कटौती की है। यूपी सरकार ने नगर प्रतिकर (सीसीए) भत्ता और सचिवालय भत्ता समेत कर्मचारियों के 6 प्रकार के भत्तों को खत्म करने का निर्णय लिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक सरकार की इस पर मुहर भी लगा दी गई है और जल्द ही वित्त विभाग शासनादेश जारी कर सकता है। अनुमान है कि इन भत्तों के खत्म करने से सरकार को एक साल में 1500 करोड़ रुपए की बचत होगी।

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माना जाता है कि कोरोना महामारी की वजह से खजाने को लगे तगड़े झटके ने सरकार को यह फैसला लेन पर मजबूर किया है। भत्ते खत्म किये जाने से कर्मचारियों और उनके संगठनों में हड़कंप मचा है।

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बता दें कि बीते महीने जब सरकार ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को डेढ़ साल तक बढ़ाने पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। तभी सरकार ने इन छह भत्तों को पहली अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक स्थगित करने का फैसला किया था। इन छह भत्तों को चालू वित्तीय वर्ष के लिए स्थगित करने के बारे में वित्त विभाग ने 24 अप्रैल को शासनादेश जारी किया था।

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सैलरी में इतनी हो सकती है कटौती

वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार को इन भत्तों के समाप्त होने पर बड़ी राशि की बचत तो होगी, लेकिन प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी व शिक्षकों को मिलने वाली सैलरी कम हो जाएगी। नगर प्रतिकर भत्ता 250 से लेकर 900 रुपए तय था जो अब नहीं मिलेगा, तो वहीं, सचिवालय भत्ते की अधिकतम सीमा 2500 रुपए थी।

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