आजम का परिवार बर्बाद: योगी सरकार ने दिया झटका, अब बहन को छोड़ना होगा बंगला
अवैध तरीके से आजम खां की बहन को बंगला आवंटन करने की शिकायत की गई थी। मुख्यमंत्री को भेजे गए इस पत्र की खबर बाहर आने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया था।
अंशुमान तिवारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी के सांसद और प्रदेश के पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खां को एक और झटका दिया है। आजम की बहन के नाम राजधानी की रिवर बैंक कॉलोनी में बंगले का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। नगर निगम की ओर से आजम की बहन नकहत अफलाक को 15 दिनों के भीतर बंगला खाली करने का आदेश जारी किया गया है। यह बंगला 13 साल पहले आजम खां की बहन को किराये पर आवंटित किया गया था।
शिकायती पत्र के आधार पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री को भेजे गए एक शिकायती पत्र के आधार पर बंगला निरस्तीकरण करने की यह कार्रवाई की गई है। दरअसल रामपुर के रहने वाले मुस्तफा हुसैन ने इस बाबत मुख्यमंत्री को 8 जुलाई को पत्र लिखा था।
इस पत्र में अवैध तरीके से आजम खां की बहन को बंगला आवंटन करने की शिकायत की गई थी। मुख्यमंत्री को भेजे गए इस पत्र की खबर बाहर आने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया था।
2007 में किया गया था आवंटन
रिवर बैंक कॉलोनी में आजम की बहन को जो बंगला आवंटित किया गया था उसका नंबर ए- 2/1 है। इसे नगर निगम की ओर से 2007 में आजम की बहन नकहत को किराये पर आवंटित किया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्र पहुंचने के बाद नगर निगम की ओर से बंगले की जांच की गई थी मगर उस समय बंगले पर ताला बंद मिला था।
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बाद में नगर निगम की ओर से आजम की बहन को नोटिस जारी की गई थी। नोटिस के जवाब में नकहत ने इस बंगले में रहने की बात नगर निगम को बताई थी।
फर्जी पते पर कराया था आवंटन
रामपुर के मुस्तफा की ओर से भेजी गई शिकायत में कहा गया था कि आजम की बहन नकहत स्थायी रूप से रामपुर की निवासी हैं। वे राजकीय कमल लका जूनियर हाईस्कूल, रामपुर में कार्यरत थीं। इस कारण वे लखनऊ में निवास भी नहीं करती थी। शिकायत में बताया गया था कि इंदिरा नगर के फर्जी पते पर उन्होंने बंगले का आवंटन कराया था।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
नगर निगम की ओर से की गई जांच में पता चला कि आजम की बहन को पहले जी 11 बंगला आवंटित हुआ था मगर बाद में उन्हें आलीशान ए-2/1 बंगला आवंटित कर दिया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि उस समय आजम की बहन न तो किसी सरकारी सेवा में थीं और न ही वे लखनऊ में कार्यरत थीं। लखनऊ नगर निगम की ओर से उन्हें 15 दिनों के भीतर बंगला खाली करने की नोटिस जारी कर दी गई है।
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15 दिनों में खाली करने का आदेश
इस बाबत नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि रिवर बैंक कॉलोनी में इस बंगले का आवंटन पूरी तरह त्रुटिपूर्ण था। उन्होंने कहा कि जांच में गलत तरीके से आवास आवंटन की पुष्टि होने के बाद आवंटन को निरस्त करने के साथ ही बंगले को 15 दिनों में खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
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