Death in Mecca: 68 भारतीयों समेत 645 हज यात्रियों की गई जान, मक्का में आफत बनी भीषण गर्मी
Haj Pilgrims Death: प्रचंड गर्मी की वजह से सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए इक्कठा हुए यात्रियों में से 645 की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 68 यात्री भारतीय बताए जा रहे हैं। बता दें, सऊदी अरब में इन दिनों 52 डिग्री के आसपास तापमान है।
Haj Pilgrims Death: सऊदी अरब के मक्का मदीना में इन दिनों गर्मी कहर बरपा रही है। मक्का मदीना में हज यात्रा के लिए अलग-अलग देशों से लाखों यात्री इकट्ठा हुए हैं। इन यात्रियों को सऊदी अरब में भीषण गर्मी का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसी भयावह स्थिति ऐसी हो गई है कि मक्का में गर्मी से अब तक कुल 645 हज यात्रियों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक 323 यात्री मिस्र के हैं। वहीं, 68 भारतीय हज यात्रियों की भी मौत हुई है। इन सभी यात्रियों की मौत के लिए भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान को जिम्मेदार बताया गया है। सऊदी अरब में एक राजनयिक ने बताया कि 'गर्मी की वजह से करीब 68 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। वहीं कुछ लोगों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है और हमारे साथ कई बुजुर्ग तीर्थयात्री भी थे। कुछ की मौत मौसम की वजह से हुई है, ऐसा हमारा अनुमान है।'
मरने वालों में मिस्र के सबसे ज्यादा यात्री
हज में 550 से अधिक यात्रियों की जान गई है। इसमें सबसे ज्यादा मिस्र के लोग शामिल हैं। 550 में से 323 लोग केवल मिस्र के हैं। रिपोर्ट की माने तो 323 में सिर्फ एक मौत का कारण गर्मी नहीं रहा। बाकी सभी की जान गर्मी से ही गई। मिस्र के साथ-साथ जॉर्डन के 60 लोगों की गर्मी से मौत हुई है। इसको लेकर मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान भी जारी किया। बयान में कहा गया कि हज के दौरान लापता हुए मिस्र के लोगों की तलाश के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
मक्का में 50 डिग्री के पार पहुंचा तापमान
बढ़ते तापमान को लेकर सऊदी स्टेट टीवी की एक रिपोर्ट में बताया गया कि सोमवार को मक्का में ग्रैंड मस्जिद की शेड में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भयंकर गर्मी यात्रियों के लिए जानलेवा बनती जा रही है। सभी के स्वास्थय बिगड़ते जा रहे हैं। जर्नल ऑफ ट्रैवल एंड मेडिसिन के 2024 की एक रिसर्च के अनुसार गर्मी से निपटने की सारी रणनीति प्रकृति के सामने फेल होती नजर आएगी। तापमान उन सभी रणनीतियों से आगे निकलनेगा। इसको लेकर 2019 में भी बताया गया था। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स के 2019 के एक अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण शुष्क सऊदी अरब में तापमान बढ़ने से हज करने वाले तीर्थयात्रियों को अत्यधिक खतरे का सामना करना पड़ेगा।