कोरोना वैक्सीन मिलेगी कब: हो गया खुलासा, आई ये अच्छी खबर
अमेरिका अक्टूबर-नवंबर तक दो वैक्सीन तैयार कर सकता है। सीडीसी द्वारा जन स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं को भेजे गए दस्तावेजों में वैक्सीन को 'ए' और 'बी' नाम दिया है। इसमें वैक्सीन से जुड़ी जरूरी अहम जानकारी हैं।
वाशिंगटनः कोरोना वायरस से जारी कहर के बीच अमेरिका से अच्छी खबर है। अमेरिकी कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) द्वारा तैयार की जा रही कोविड-19 की वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल फेज-3 में पहुंच गया है। अमेरिका ने कहा है कि इस वैक्सीन से कोरोना को हराने में सफलता मिल सकती है।
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दुनिया के सभी वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं, अमेरिकी संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) ने जन स्वास्थ्य से जुड़ी एजेंसियों को बताया है कि वह अक्टूबर-नवंबर तक दो वैक्सीन तैयार कर सकता है। सीडीसी द्वारा जन स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं को भेजे गए दस्तावेजों में वैक्सीन को 'ए' और 'बी' नाम दिया है। इसमें वैक्सीन से जुड़ी जरूरी अहम जानकारी हैं।
वैक्सीन बनाने के तरीके
वैक्सीन अलग-अलग तरह की होती है लेकिन सामान्य तौर पर निष्क्रिय वायरस कमजोर जिंदा वायरस या उसके प्रोटीन के छोटे-छोटे टुकड़ों की मदद से तैयार किया जाता है। मॉडर्ना और फाइजर सबसे अलग जेनेटिक मॉलीक्यूल जिसे आर एन ए मैसेंजर कहते हैं। तकनीक पर काम कर रही है इस तरह की वैक्सीन का अब तक मनुष्य पर इस्तेमाल के लिए अनुमति नहीं मिली है।
जेनेटिक मॉलीक्यूल सीधे मांसपेशियों की कोशिकाओं में लगाया जाता है जो कोरोना के प्रोटीन जैसा प्रोटीन तैयार करेगी। जिससे लंबे समय तक वायरस से बचाव संभव है।
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कोरोना की चपेट में बच्चे भी
16 से 22 वर्ष के किशोरों की तुलना में 6 से 15 साल के बच्चों में वायरस को शरीर की संरचना से पूरी तरह खत्म होने में दोगुना से अधिक समय लगता है। जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 13 मार्च से 21 जून के बीच अस्पताल पहुंचे 6300 से अधिक संक्रमित बच्चों पर अध्ययन के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं।
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने पहले भी दावा किया था कि 3 नवंबर के चुनाव से पहले अमेरिका में वैक्सीन उपलब्ध होगी। एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और फाइजर के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित कर रही है।