48 घंटे बाद बदल जाएगा अमेरिका का इतिहास, चल रही है ये बड़ी तैयारी

कोरोना वायरस से के बीच अमेरिका एक नया इतिहास गढ़ने जा रहा है। महज 48 घंटे के बाद अमेरिका के विज्ञान का इतिहास बदल जाएगा। अमेरिका बहुत ही जल्द अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में एक नया कदम रखने वाला है।

Update:2020-05-25 11:23 IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से के बीच अमेरिका एक नया इतिहास गढ़ने जा रहा है। महज 48 घंटे के बाद अमेरिका के विज्ञान का इतिहास बदल जाएगा। अमेरिका बहुत ही जल्द अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में एक नया कदम रखने वाला है, जिसके गवाह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक बनेंगे। अंतरिक्ष में 48 घंटे बाद मानव मिशन को लेकर होने वाली घटना से अमेरिका की हिस्ट्री बदल जाएगी। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-

9 साल बाद कोई मानव मिशन जाएगा अंतरिक्ष

अमेरिका से पहली बार कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में जाएगा, 21 जुलाई 2011 के बाद ऐसा पहली बार होने वाला है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने स्पेस सेंटर से एस्ट्रोनॉट्स (Astronauts) को अमेरिकी रॉकेट में बिठाकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजेगी। नासा ने इसकी तारीख भी तय कर ली है।

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27 मई 2020 को अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा ISS

27 मई 2020 शाम 4 बजकर 33 मिनट पर नासा दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिका की धरती से स्वदेशी रॉकेट में बिठाकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजेगी। मानव मिशन के लिए स्पेस स्टेशन जाने वाले अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स (Astronauts) का नाम है- रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले।

इस रॉकेट से Astronauts जाएंगे ISS

इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिकी कंपनी स्पेस-एक्स के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन से ISS पर भेजा जाएगा। बता दें कि स्पेस-एक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है। यह कंपनी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर भविष्य के कई अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रही है।

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मिशन का नाम डेमो-2 मिशन

स्पेस-एक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 के ऊपर लगाकर, इस रॉकेट को फ्लोरिडा के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि इस मिशन का नाम डेमो-2 मिशन रखा गया है। डेमो-1 मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से ISS पर सफलतापूर्वक पहुंचाया गया था।

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर होंगे डगलस हर्ले

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर होंगे डगलस हर्ले। जो कि लॉन्च, लैंडिंग और रिकवरी का जिम्मा लेंगे। जबकि रॉबर्ट बेनकेन इस मिशन में स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग, अनडॉकिंग और उसके रास्ते का निर्धारण करेंगे। बता दें कि इससे पहले भी दो बार (साल 2008 और 2010 में) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। उन्होंने तीन बार स्पेसवॉक भी किया है।

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वहीं डगलस हर्ले भी दो बार स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। पहली बार साल 2009 में और दूसरी बार साल 2011 में। डगलस पेशे से सिविल इंजीनियर थे। बाद में साल 2000 में वो नासा से जुड़े थे। इससे पहले वो यूएस मरीन कॉर्प्स में फाइटर पायलट थे।

110 दिनों तक स्पेस स्टेशन पर रहेंगे दोनों एस्ट्रोनॉट्स

ये दोनों एस्ट्रोनॉट्स 110 दिनों तक स्पेस स्टेशन पर रहेंगे। आपको बता दें कि स्पेस-एक्स ड्रैगन कैप्सूल एक बार में करीब 210 दिनों तक स्पेस में रह सकता है। उसके बाद उसे रिपेयरिंग के लिए वापस धरती पर आना होगा।

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