50 साल बाद फिर से धरती पर मंडरा रहा महाविनाश का खतरा, वैज्ञानिकों की उड़ी नींद

इस एंटीना ने सिर्फ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की ही जानकारी नहीं दी है। बल्कि आसपास के देशों को कई प्राकृतिक आपदाओं की सूचनाएं देने का भी काम बखूबी किया है। इतना ही नहीं इस एंटीना ने पिछले 50 सालों में कई चक्रवातों, भूकंपों और हरिकेन्स की जानकारियां भी दी हैं।

Update:2020-11-16 13:50 IST
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह एंटीना जिन लोहे के केबलों से जुड़ा है वो भी टूट रहे हैं। अब इस एंटीना की मरम्मत की आवश्यकता है।

वाशिंगटन: अंतरिक्ष से जुड़ी आज एक ऐसी सूचना आई है। जिसके बारें में जानने के बाद दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नींद उड़ गई है। इस सूचना का संबंध दुनिया के सबसे बड़े एंटीना से है।

जो कि धरती की तरफ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की जानकारी देने का काम करता था। अब ये एंटीना टूट गया है। ऐसे में दुनिया भर के वैज्ञानिक परेशान हैं कि अब धरती की तरफ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की जानकारी कौन देगा?

तकरीबन 900 टन का यह ढांचा कुछ ही केबल्स पर टिका है। इसे तत्काल रिपेयरिंग की जरूरत है। अगर जल्द ही इसकी मरम्मत नहीं की गई तो पूरा का पूरा ढांचा गिर सकता है। अगर यह ढांचा गिर गया तो इसे वापस बनाने में काफी समय लग जाएगा।

50 साल बाद फिर से धरती पर मंडरा रहा महाविनाश का खतरा, वैज्ञानिकों की उड़ी नींद (फोटो:सोशल मीडिया)

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एंटीना के बारें में ऐसी बातें जानकर चौंक जायेंगे

प्राप्त जानकारी के अनुसार ये एंटीना अंतरिक्ष की गहराइयों से आने वाले खतरों जैसे एस्टेरॉयड्स, मेटियॉर्स आदि की जानकारी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को देता है। आर्सीबो ऑब्जरवेटरी में ये यह एंटीना लगा है।

ये प्यूर्टो रिको में स्थित है। इसका संचालन एना जी मेंडेज यूनिवर्सिटी, नेशनल साइंस फाउंडेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा मिलकर करते हैं।

इस ऑब्जरवेटरी में जेम्स बॉन्ड सीरीज की मशहूर फिल्म गोल्डन आई के क्लाइमैक्स सीन की शूटिंग की गई थी। बताया जा रहा है कि इस ऑब्जरवेटरी के जो केबल टूटे हैं उन पर 5.44 लाख किलोग्राम का भार था। अब एंटीना के 100 फीट के हिस्से में छेद हो गया है।

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50 साल बाद फिर से धरती पर मंडरा रहा महाविनाश का खतरा, वैज्ञानिकों की उड़ी नींद (फोटो:सोशल मीडिया)

50 सालों में कई चक्रवातों, भूकंपों और हरिकेन्स की दी थी जानकारियां

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह एंटीना जिन लोहे के केबलों से जुड़ा है वो भी टूट रहे हैं। अब इस एंटीना की मरम्मत की आवश्यकता है।

बता दें कि जब इस एंटीना को बनाया गया था उस वक्त इसे बनाने का उद्देश्य रक्षा प्रणाली को मजबूत करना था। इसके जरिए प्यूर्टो रिको एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना चाहता था। लेकिन आगे चलकर इसका उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाने लगा।

इस एंटीना ने सिर्फ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की ही जानकारी नहीं दी है। बल्कि आसपास के देशों को कई प्राकृतिक आपदाओं की सूचनाएं देने का भी काम बखूबी किया है। इतना ही नहीं इस एंटीना ने पिछले 50 सालों में कई चक्रवातों, भूकंपों और हरिकेन्स की जानकारियां भी दी हैं।

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