Balochistan And Pakistan Issue: पाकिस्तान की नई चाल, अब बलूचियों में राष्ट्र प्रेम जगाकर नाराज़गी दूर करने में जुटा

Balochistan And Pakistan Issue: सेरेना होटल के बाहर दो बार हमले किए जा चुके हैं।पाकिस्तान सरकार चाहकर भी बलूचिस्तान में हमले नहीं रोक पा रही है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-10-01 16:04 IST

बलूचियों में राष्ट्र प्रेम जगाकर नाराज़गी दूर करने में जुटा है पाकिस्तान (social media)

Balochistan And Pakistan Issue: बलूचिस्तान में पाक विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए पाकिस्तान सरकार ने बलूचियों में राष्ट्र प्रेम जगाने की मुहिम तेज कर दी है। इसी के मद्देनजर बलूचिस्तान सरकार ने अपने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारीयों को तुगलकी फरमान सुनाते हुए पाकिस्तान जिंदाबाद' का कॉलरट्यून लगाने का निर्देश दिया है। इस आदेश में इस कॉलरट्यून को लगाने का तरीका भी बताया गया है। यह आदेश ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट ने बीते 29 सितंबर को ही जारी किया है।

नाराज़गी के कारण बलूचिस्तान में विद्रोहियों के हमले बढ़ रहे 

पाकिस्तान ने बलूच नेताओं से बिना राय मशविरा किए चीन पाकिस्तान इकनोमिक कोरिडोर (सीपीईसी) का फ़ैसला क्यों लिया। नाराज़गी की यह भी एक बड़ी वजह भी है। नाराज़गी की वजह से ही बलूचिस्तान में विद्रोहियों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी क्वेटा में कुछ दिन पहले ही एक पुलिसचौकी को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला किया गया था। इस हमले में कई पुलिसकर्मियों के अलावा सात लोगों की मौत हुई थी।सेरेना होटल के बाहर दो बार हमले किए जा चुके हैं।पाकिस्तान सरकार चाहकर भी बलूचिस्तान में हमले नहीं रोक पा रही है। 

बलूचिस्तान पाकिस्तान का महत्वपूर्ण रणनीतिक सूबा है

ऐसे में वह इस राज्य के लोगों को अब देशभक्ति का पाठ पढ़ाने की कोशिश में जुटी है। बता दें कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक सूबा है। पाक के सबसे बड़े प्रांत में शुमार बलूचिस्तान की सीमाएं अफगानिस्तान और ईरान से मिलती है। वहीं, कराची भी इन लोगों की जद में है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा इस प्रांत से होकर गुजरता है। ग्वादर बंदरगाह पर भी बलूचों का भी नियंत्रण था, जिसे पाकिस्तान ने अब चीन को सौंप दिया है। वहीं बलूचिस्तान के लोगों ने हमेशा से चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का विरोध किया है। कई बार बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के हथियारबंद विद्रोहियों के ऊपर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने के आरोप भी लगे हैं। 2018 में इस संगठन पर कराची में चीन के वाणिज्यिक दूतावास पर हमले के आरोप भी लगे थे।

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