धमाकों से कांपी दुनिया: लाखों लोगों की मौत, हर तरफ नजर आई तबाही

बीते दिनों लेबनान की राजधानी बेरूत में भीषण धमाका हुआ। इस भयानक धमाके में 135 लोगों की मौत हो गई। साथ ही हजारों लोग घायल हो गए। इस धमाके की वजह अमोनियम नाइट्रेट है।

Update:2020-08-07 13:08 IST
धमाकों से कांपी दुनिया: लाखों लोगों की मौत, हर तरफ नजर आई तबाही

नई दिल्ली। बीते दिनों लेबनान की राजधानी बेरूत में भीषण धमाका हुआ। इस भयानक धमाके में 135 लोगों की मौत हो गई। साथ ही हजारों लोग घायल हो गए। इस धमाके की वजह अमोनियम नाइट्रेट है। ये रासायनिक पदार्थ एक वेयरहाउस में बीते 6 सालों से रखा था। हादसे वाले दिन इसी वेयरहाउस में 2 हजार 750 टन अमोनियम नाइट्रेट में धमाकेदार आग और भीषण विस्फोट हो गया। ये धमाका इतना भयानक था कि इसकी आवाज से 250 किमी तक भूकंप सा प्रतीत हुआ।

ये भी पढ़ें... PM मोदी का अटूट विश्वास: पूरे किए अपने सभी वादे, अब ये होगा सबसे बड़ा एजेंडा

सबसे घातक एक्सप्लोसिव रासायनिक पदार्थ

हादसे की वजह बना अमोनियम नाइट्रेट सबसे घातक एक्सप्लोसिव रासायनिक पदार्थ होता है। इसका उपयोग तमाम कामों में किया जाता है। लेकिन, ज्यादातर इसका इस्तेमाल खेती के लिए फर्टिलाइजर बनाने या फिर बम बनाने के लिए किया जाता है।

ऐसे में सबसे ज्यादा खतरनाक ये होता है कि अगर इसमें जरा सी भी आग लग जाए, तो जोरदार धमाका होता है। इसके साथ ही नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया जैसी खतरनाक गैस भी निकलती हैं।

अब लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए इस धमाके के बाद जांच हो रही है कि आखिर कैसे वेयरहाउस में इतना अमोनियम नाइट्रेट जमा था या कोई सोची-समझी साजिश थी और वहां आग कैसे लगी?

लेकिन ऐसे धमाका ये कोई पहली बार नहीं है, जब अमोनियम नाइट्रेट की वजह से इतना बड़ा धमाका हुआ है। इससे पहले भी ऐसी तमाम दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। उन्हीं दुर्घटनाओं में से 7 बड़ी दुर्घटनाएं, जो इतनी खतरनाक थी कि नीचे धमाका हुआ और उसके ऊपर से गुजर रहे प्लेन भी नीचे आ गिरे थे। मतलब महाविनाशी रहे हैं ये 7 धमाके।

भीषण विस्फोट

ये भी पढ़ें...अब बचेगी जान: ये दवा खाने वाले मरीजों को नहीं हो रहा कोरोना, सामने आई रिपोर्ट

1. 21 सितंबर 1921 : ओपौ, जर्मनी

जर्मनी में हुआ ये धमाका इतना जोरदार था कि इसकी गूंज म्यूनिख में भी सुनाई दी थी। म्यूनिख की दूरी इस प्लांट से 275 किमी थी। इतना ही नहीं, इस धमाके में ओपौ की 80% बिल्डिंग तबाह हो गई थी, जबकि साढ़े 6 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे। इस धमाके में 25 किमी दूर के घरों तक की खिड़कियां टूट गई थीं।

2. 29 अप्रैल 1942 : टेसेंडेर्लो, बेल्जियम

ये उस समय की बात है जब द्वितीय विश्व युध्द चल रहा था। बेल्जियम पर जर्मनी ने कब्जा कर लिया था। बेल्जियम के टेसेंडेर्लो में एक केमिकल फैक्ट्री थी, जिसको बंद कर दिया गया था। लेकिन, बाद में बेल्जियम के सरेंडर के बाद इस फैक्ट्री को दोबारा शुरू कर दिया गया। 29 अप्रैल को इसी फैक्ट्री में धमाका हुआ था।

जिस दिन धमाका हुआ था, उस दिन हल्की-हल्की ठंड थी और सब अपने काम पर जा रहे थे। सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर फैक्ट्री में रखे 150 टन अमोनियम नाइट्रेट में धमाका हो गया। कुछ ही पल में सैकड़ों मीटर की ऊंचाई तक सिर्फ धुंआ ही धुंआ ही था। धमाके की वजह से 70 मीटर चौड़ा और 23 मीटर गहरा गड्ढा हो गया था।

ये भी पढ़ें...PM मोदी बोले- 21वीं सदी के भारत की नींव तैयार करने वाली है नई शिक्षा नीति

3. 16 अप्रैल 1947 : टेक्सास, अमेरिका

दूसरे विश्व युध्द के दौरान अमेरिकी सेना अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल विस्फोटक के रूप में करती थी। यहां अमोनियम नाइट्रेट में धमाका हो गया। इससे पूरा पोर्ट तबाह हो गया।

भीषण विस्फोट

इस धमाके से 15 फीट ऊंचा धुंआ उठा था, जो 160 किमी दूर से भी दिखाई दे रहा था। ये धमाका इतना जोरदार था कि इससे जहाज के छोटे-छोटे टुकड़े हो गए थे और वो टुकड़े हवा में उड़ने लगे थे। इतना ही नहीं टेक्सास के पास ही उड़ान भर रहे दो छोटे प्लेन भी गिरकर नीचे आ गए थे।

4. 19 अप्रैल 1995 : ओक्लाहोमा, अमेरिका

19 अप्रैल 1995 की सुबह ओक्लाहोमा के लिए सबसे मनहूसियत वाली सुबह बनकर आई थी। इस दिन ओक्लाहोमा शहर में एक सरकारी बिल्डिंग के बाहर किराए से लिया ट्रक खड़ा कर दिया। इस ट्रक में 2 टन अमोनियम नाइट्रेट था। ट्रक में ब्लास्ट हो गया। एक पलक झपकते ही बिल्डिंग का एक तिहाई हिस्सा मलबे में बदल गया।

ये भी पढ़ें...रेलवे की बड़ी पहल: चलाई किसान रेल, होगा फायदा ही फायदा, जानें इसकी खासियत

5. 22 अप्रैल 2004 : रयोंगचोंन, उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से 50 किमी दूर रयोंगचोंन स्टेशन पर दो ट्रेनें टकरा गई थीं। इन दोनों ही ट्रेनों में विस्फोटक सामग्री थी। ट्रेनों के टकराने से खतरनाक धमाका हुआ था।

भीषण विस्फोट

दो दिन तक तो उत्तर कोरिया ने इस धमाके के पीछे की वजह ही नहीं बताई थी। धमाके के 48 घंटे बाद उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने इस धमाके के पीछे की वजह अमोनियम नाइट्रेट को बताया था।

6. 12 अगस्त 2015 : तियानजिन, चीन

चीन के तियानजिन शहर के बंदरगाह में एक कंटेनर में एक के बाद एक कई धमाके हुए थे। पहले दो धमाके 30 सेकंड के अंदर ही हो गए थे। इनमें दूसरा धमाका बहुत खतरनाक था, जिसमें 800 टन अमोनियम नाइट्रेट विस्फोट हो गया था।

ये धमाके इतने जोरदार थे कि इनकी वजह से आसपास के 304 बिल्डिंग, 12 हजार 438 कारें और 7 हजार 533 कंटेनर पूरी तरह डैमेज हो गए थे।

7. 4 अगस्त 2020 : बेरूत, लेबनान

लेबनान की राजधानी बेरूत में परमाणु धमाके जैसे दो धमाके हुए। बेरूत पोर्ट पर हैंगर में स्टोर करके रखे गए 2 हजार 750 टन अमोनियम नाइट्रेट में ये धमाके हुए। बेरूत में हुआ धमाका इतना खतरनाक था कि इसकी चपेट में 10 किमी. का क्षेत्रफल आ गया।

ये भी पढ़ें...विकास दुबे कांड: पुलिस वालों का ऑडियो वायरल, खुनी रात का सच आया सामने

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News