आतंकी हमले में 18 की मौत, दहल गया देश, सुरक्षाबलों ने संभाला मोर्चा

बोको हराम ने इस हफ्ते की शुरुआत में नाइजीरिया में हमला कर दिया था, जिसमें 18 की मौत हो गई, जबकि 21 लोग घायल हुए हैं।

Report By :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-04-17 13:16 GMT

बोको हराम ने नाइजीरिया में किया हमला(सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

अबूजा: नाइजीरिया (Nigeria) के पूर्वोत्तर शहर दमसाक (Damasak) में आतंकी हमला होने की खबर सामने आ रही है। यहां पर आतंकी समूह बोको हराम (Boko Haram) के सदस्यों ने इस हफ्ते की शुरुआत में हमला कर दिया था, जिसमें 18 लोगों की मौत और 21 लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई है। इस बात की जानकारी एक शीर्ष अधिकारी ने दी है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्नो राज्य के गवर्नर बाबागाना उमरा जुलुम (Governor Babagana Umra Zulum) ने कल यानी शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस हमले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि हमले में संयुक्त राष्ट्र मानवीय केंद्र, निजी आवासीय घर, एक पुलिस स्टेशन, एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

गवर्नर बाबागाना उमरा जुलुम ने कहा कि उन्होंने नुकसान का जायजा लेने और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए दमसाक का दौरा किया। इस आतंकी हमले में 18 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, जबकि 21 अन्य लोग घायल हुए हैं। आपको बता दें कि आंतकी संगठन बोको हराम साल 2009 से पूर्वोत्तर नाइजीरिया में एक इस्लामवादी राज्य स्थापित करने में लगा हुआ है।

आतंकियों की सांकेतिक फोटो (सोशल मीडिया)

बीते साल की थी 43 मजदूरों की निर्मम हत्या

गौरतलब है कि बीते साल भी बोको हराम ने नाइजीरिया में दहशत फैलाई थी। तब इस आतंकी संगठन के सदस्यों ने नाइजीरिया के मैदूगुरी में खेतों में काम करने वाले 43 मजदूरों की निर्मम हत्या कर दी थी। जबकि छह इस हादसे में घायल हुए थे। इस बारे में जिहादी-विरोधी सूत्रों ने जानकारी दी थी। सूत्रों ने जानकारी दी थी कि बोको हराम ने इन मजदूरों को बांध कर बेहद क्रूर तरीके से इनका गला काट दिया था।

पूरे विश्व में शरिया कानून लागू करना चाहता है बोको हराम

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2009 से अब तक करीब 36 हजार लोगों की जिहादी विवाद में मौत हो चुकी है, जबकि 20 लाख से ज्यादा विस्थापित हो चुके हैं। अगर बात करें बोको हराम की तो यह एक ऐसे विचारधारा का समर्थक है, जिसमें मुसलमानों को वोटिंग और धर्मनिरपेक्ष होने की सख्त मनाही है। यह संगठन चाहता है कि पूरे विश्व में शरिया कानून लागू हो।

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