कोरोना से उबरने के बाद भी हो सकती हैं ये दिक्कतें, ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की चेतावनी

एनएचएस से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के मरीजों को कई महीनों तक अधिक थकान और सांस लेने में तकलीफ की समस्या से जूझना पड़ सकता है।

Update:2020-06-02 11:11 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस से उबरने के बाद भी मरीजों को कई महीनों तक दिक्कतें हो सकती हैं। ब्रिटेन की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य एजेंसी नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के मरीजों को कई महीनों तक अधिक थकान और सांस लेने में तकलीफ की समस्या से जूझना पड़ सकता है। उनका कहना है कि इस वायरस का असर लंबे समय तक शरीर पर दिख सकता है। इस मामले में अभी और शोध किया जा रहा है कि शरीर पर इस वायरस का बुरा असर कब तक रहेगा।

लंबे समय तक रहेगा वायरस का असर

एनएचएस से जुड़े इन वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया में कोरोना से काफी संख्या में मरीज ठीक भी हो रहे हैं मगर इन मरीजों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि ठीक होने के बाद भी उन्हें थकान और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से उबरने वाले मरीजों में लंबे समय तक से यह समस्या रह सकती है। पिछले महीने भी एनएचएस के वैज्ञानिकों ने कोरोना के गंभीर लक्षणों के बारे में चर्चा की थी। इन वैज्ञानिकों ने स्ट्रोक, किडनी की बीमारी और अंगों की घटती कार्यक्षमता पर चर्चा की थी। इस चर्चा के दौरान एनएचएस वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि कोरोना से उबरने वाले ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा होगी जो वापस सामान्य जीवन में नहीं लौट सकेंगे।

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एनएचएस हॉस्पिटल को खासतौर पर कोरोना वायरस से पीड़ित होने वाले मरीजों के लिए बनाया गया है। इस अस्पताल में ऐसे मरीज रिकवर हुए हैं जो इलाज के बाद भी लंबे समय से कोरोना के असर से जूझ रहे थे। एनएचएस का कहना है कि अब इसी मॉडल को कोरोना से उबरने वाले मरीजों के लिए देश में लागू लागू किया जाएगा ताकि उनकी मेंटल डिसऑर्डर, सांस लेने में तकलीफ और हृदय संबंधी समस्याओं से लड़ने में मदद की जा सके। एनएचएस में पिछले हफ्ते भी कहा था कि जिन लोगों के शरीर में कोरोना के कारण किसी तरह का डैमेज हुआ है, उन्हें रिकवर करने में मदद की जाएगी।

अमेरिका के बाद ब्रिटेन में सर्वाधिक मौतें

एनएचएस के चीफ एग्जीक्यूटिव सिमोन स्टीवेंस का कहना है कि ब्रिटेन में कोरोना महामारी इय समय चरम स्थिति में है। उनका कहना है कि अब हमें कोरोना वायरस के बाद शरीर में दिखने वाले नतीजों से बचाव के तरीकों पर काम करना होगा। हमें ऐसे मरीजों को रिकवर होने में मदद करनी होगी जो कोरोना संकट से उबरने के बाद भी अन्य शारीरिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ मरीजों को सोशल सपोर्ट देने की जरूरत है और इसके लिए भी तैयार रहना होगा।

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ब्रिटेन में कोरोना वायरस ने कहर बरपाया है और यहां 276000 से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमण के मामले में अमेरिका, ब्राजील, रूस और स्पेन के बाद ब्रिटेन का पांचवा नंबर है। जहां तक कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का सवाल है तो ब्रिटेन में अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। अमेरिका में कोरोनावायरस की संख्या 106000 से अधिक है जबकि ब्रिटेन में 39000 से अधिक लोग इस वायरस के कारण मौत का शिकार हुए हैं।

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