चीन की बौखलाहट: कश्मीर पर हुआ हमलावर, इसलिए डर रहा ड्रैगन

चीन अब कश्मीर का मुद्दा उछालने पर उतारू हो गया है। जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के फैसले की वर्षगांठ पर चीन ने पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का विरोध किया है और राज्य के पुनर्गठन को गैर-कानूनी और अमान्य घोषित किया है।

Update: 2020-08-06 13:19 GMT
चीन की बौखलाहट: कश्मीर पर हुआ हमलावर, इसलिए डर रहा ड्रैगन

नई दिल्ली: चीन अब कश्मीर का मुद्दा उछालने पर उतारू हो गया है। जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के फैसले की वर्षगांठ पर चीन ने पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का विरोध किया है और राज्य के पुनर्गठन को गैर-कानूनी और अमान्य घोषित किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह मुद्दा पाकिस्तान और भारत के बीच इतिहास में जुड़ा एक विवाद है। भारत ने इस पर साफ़ कहा है कि इस मुद्दे पर चीन के पास बोलने का कोई अधिकार नहीं है।

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चीन का डर

एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन को लगता है कि कश्मीर के पुनर्गठन से भारत अक्साईचिन पर अपना अधिकार जमा सकता है। पिछले साल लोकसभा में अमित शाह ने कहा था कि जब भी मैं जम्मू और कश्मीर की बात करूंगा तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साईचिन को इसमें गिना जाएगा।

चीन ने कहा है कि भारत ने कश्मीर में एकतरफ़ा फ़ैसले के ज़रिए यथास्थिति में बदलाव कर अवैध और ग़ैरक़ानूनी काम किया है। यह बात संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौतों में भी कही गई है। भारत ने पिछले साल जब अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किया था तब भी चीन ने इसी तरह से आपत्ति जताई थी।

अब चीन ने कहा है कि कश्मीर की यथास्थिति में किसी भी तरह का एकतरफ़ा बदलाव अवैध है और कश्मीर मसले का समाधान संबंधित पक्षों को शांतिपूर्ण संवाद में खोजना चाहिए। भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी हैं और इसे बदला नहीं जा सकता। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध दोनों के ही हित में हैं। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भी हित में है।

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भारत का विरोध

भारत के अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने अपने नियंत्रण वाले कश्मीर में कई तरह के आंतरिक बदलाव किए हैं लेकिन चीन ने कोई आपत्ति नहीं जताई। पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रशासनिक बदलाव किए हैं। इस बीच चीन की मांग पर आज बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बिना किसी निष्कर्ष के खत्म हो गई। बंद कमरे में हुई अनौपचारिक बैठक में न तो चर्चा का कोई रिकॉर्ड मेनटेन किया गया और न ही अपना कोई निर्णय जाहिर किया गया।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधि राजदूत त्रिमूर्ति ने एक ट्वीट करके कहा, पाकिस्‍तान का एक और प्रयास विफल रहा। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की आज की बैठक बंद कमरे में हुई थी, अनौपचारिक थी, इसका कोई रेकॉर्ड नहीं रखा गया और यह इसका कोई परिणाम नहीं निकला। लगभग सभी देशों ने माना कि जम्‍मू-कश्‍मीर एक द्विपक्षीय मसला है और सुरक्षा परिषद के समय और ध्‍यान का हकदार नहीं है।

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