लॉकडाउन के बाद तलाक के मामलों की बाढ़, रोकने के लिए उठाया ये बड़ा कदम

लॉकडाउन के बाद चीन की अदालतों में हजारों जोड़ों ने तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है। तलाक के बढ़ते मामलों ने चीन सरकार की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं और अब सरकार तलाक के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए नया बिल लेकर आई है।

Update:2020-05-19 11:20 IST

अंशुमान तिवारी

बीजिंग। चीन में कोरोना संकट के बाद तलाक के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। कोरोना संकट से निजात पाने के लिए घोषित लॉकडाउन के बाद चीन की अदालतों में हजारों जोड़ों ने तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है। तलाक के बढ़ते मामलों ने चीन सरकार की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं और अब सरकार तलाक के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए नया बिल लेकर आई है। बिल के प्रावधानों के तहत तलाक से पहले शादीशुदा जोड़ों को 30 दिन तक साथ रहना होगा। माना जा रहा है कि शादीशुदा जोड़ों में मेल की संभावनाएं बढ़ाने के लिए ही यह बिल लाया गया है।

एक महीने तक रहना होगा साथ

इस बिल में कहा गया है कि आधिकारिक रूप से तलाक के लिए आवेदन करने से पहले एक महीने तक इंतजार करना होगा और जोड़ों को 30 दिन तक साथ रहना होगा। इसे कूलिंग ऑफ पीरियड का नाम दिया गया है और यह आदेश हर हाल में पूरा करना होगा। चीन के अधिकारियों का मानना कि कूलिंग ऑफ पीरियड के जरिए उन जोड़ों को अलग होने से बचाने में मदद मिलेगी जो गुस्से में आकर जल्द ही किसी फैसले पर पहुंच जाते हैं।

तलाक के बढ़ते आवेदनों से चीन में चिंता

दरअसल चीन की सरकार तलाक के बढ़ते आवेदनों के कारण काफी चिंतित है। कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन के बाद चीन की अदालतों में तलाक के लिए हजारों आवेदन दाखिल किए जा चुके हैं। इससे पता चलता है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान घरों में साथ साथ रहने के बाद विवाहित जोड़ों के बीच रिश्ते में दरार पैदा हुई है और इसी का नतीजा तलाक के आवेदनों के रूप में दिख रहा है। सरकार का मानना है कि नए बिल के प्रावधानों से इस पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है।

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बिल से मिलेगी यह मदद

सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा कि काफी सोच समझकर यह बिल लाया गया है। इसके जरिए जोड़ों को तलाक लेने से बचाने और पारिवारिक दोस्तों में स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस अधिकारी ने कहा कि कूलिंग ऑफ पीरियड के बेहतर नतीजे की उम्मीद है। इससे हमें तलाक के उन मामलों को रोकने में मदद मिलेगी जो उत्तेजना में दिए गए फैसलों पर आधारित होते हैं।

वुहान में तेजी से हो रहे टेस्ट

इस बीच चीन ने कोरोना संकट पर काफी हद तक काबू पा लिया है। हालांकि हाल में वुहान में कुछ नए केसों का पता चला है मगर अब वहां टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी गई है। वुहान से ही कोरोना वायरस की शुरुआत मानी जा रही है और वहां तीन दिन में कोरोना के चार लाख टेस्ट किए जा चुके हैं।

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पकड़ा गया चीन का बड़ा झूठ

वैसे कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या को लेकर चीन द्वारा झूठ बोलने की बात भी सामने आ रही है। चीन ने आधिकारिक रूप से 84 हजार लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात स्वीकार की है मगर नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी से लीक हुए आंकड़ों के मुताबिक चीन में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 6.4 लाख थी। इससे पता चलता है कि चीन ने इस मामले में पूरी दुनिया को गुमराह किया है।

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