China Dam India: चीन की नई हरकत, भारत सीमा के पास बना रहा बांध

China Dam India:चीन की योजना तिब्बत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब यारलुंग जांग्बो नदी की निचली पहुंच पर एक "सुपर" बांध बनाने की है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-01-20 09:27 IST

China Dam india border (photo: social media )

China Dam India: भारत और नेपाल के साथ अपनी सीमाओं के त्रि-जंक्शन के करीब, गंगा की एक सहायक नदी पर चीन एक नया बांध बना रहा है। तिब्बत क्षेत्र में इस बांध का उपयोग नीचे की ओर पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। ये नदी भारत - नेपाल में घाघरा नाम से बहती है।

सुपर बांध

चीन की योजना तिब्बत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब यारलुंग जांग्बो नदी की निचली पहुंच पर एक "सुपर" बांध बनाने की है। ये नदी अरुणाचल प्रदेश में सियांग तथा असम में ब्रह्मपुत्र के रूप में बहती है।

ताजा डेवलपमेंट ऐसे समय में आया है जब सैटेलाइट इमेजरी से पता चला है कि चीन में एलएसी के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में सैन्य और दोहरे उपयोग के बुनियादी ढांचे और गांवों के निर्माण में काफी तेजी लाई गई है।

सैटेलाइट फोटो से खुलासा

इंटेल लैब में एक भू-स्थानिक खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन द्वारा ट्वीट की गई सैटेलाइट फोटो में मई 2021 से तिब्बत के बुरांग काउंटी में मब्जा जांगबो नदी पर चीनी पक्ष द्वारा किए गए डेवलपमेंट कार्य और बांध निर्माण गतिविधि को दिखाया गया है। फोटो में नदी का मार्ग, एक जलाशय का निर्माण और एक तटबंध-प्रकार का बांध दिखाया गया है।मब्जा ज़ंग्बो नदी अंततः भारत में गंगा में शामिल होने से पहले नेपाल में घाघरा या करनाली नदी के रूप में बहती है। साइमन ने कहा कि ये बांध भारत और नेपाल के साथ चीन की सीमा के तिराहे के उत्तर में कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

साइमन ने कहा कि नवीनतम उपग्रह चित्रों के अनुसार, बांध 350 मीटर से 400 मीटर लंबा प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि संरचना अभी बन रही है सो इसका उद्देश्य अज्ञात है। लेकिन ये एक तटबंध बांध प्रतीत होता है। पास में एक हवाई अड्डा भी बनाया जा रहा है।

मामले से परिचित लोगों ने कहा है कि ये बांध, भारत और नेपाल के साथ चीन की सीमाओं के रणनीतिक त्रि-जंक्शन पर स्थित है और उत्तराखंड राज्य के कालापानी क्षेत्र के विपरीत है, जिसका उपयोग मब्जा जांगबो नदी के पानी को मोड़ने या प्रतिबंधित करने के लिए किया जा सकता है। बांध का इस्तेमाल पानी को स्टोर करने के लिए भी किया जा सकता है, जिसके छोड़ने से नीचे की ओर बाढ़ आ सकती है।

कई विवादित निर्माण

हाल के वर्षों में चीन ने यारलुंग ज़ंग्बो नदी पर कई छोटे बांध बनाए हैं, जिससे उत्तर-पूर्व में ब्रह्मपुत्र से संबंधित चिंताएँ पैदा हुई हैं। चीन की सरकारी मीडिया ने नवंबर 2020 में खबर दी थी कि यारलुंग जांग्बो पर प्रस्तावित सुपर डैम एक जलविद्युत परियोजना से कहीं अधिक होगा क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी सार्थक होगा।

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