चीन की बड़ी साजिश, अचानक बंद हुए दो करोड़ से अधिक फोन, शव गृह के बाहर भीड़

कोरोना वायरस दुनिया में 30 हजार लोगों की जान ले चुकी है और 6 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं। कोरोना वायरस सबसे पहले चीन में फैला और यहां अभी तक 81,439 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 3,300 की मौत हो गई।

Update:2020-03-29 14:52 IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस दुनिया में 30 हजार लोगों की जान ले चुकी है और 6 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं। कोरोना वायरस सबसे पहले चीन में फैला और यहां अभी तक 81,439 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 3,300 की मौत हो गई।

हालांकि, चीन की ओर से दिए गए आंकड़ों पर दुनिया संदेह कर रही है। तो क्या चीन कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या और मौत के असली आंकड़ों को छिपा रहा है? बता दें कि चीन के भी समाज में शव को जलाने की परंपरा है।

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शव गृह से दो दिनों में 5 अस्थि कलश ले जाया गया

न्यूयॉर्क पोस्ट ने चीन की स्थानीय मीडिया के हवाले से जो खबर दी है वो बेहद ही चौंकाने वाली है। न्यूयॉर्क पोस्ट ने लिखा है कि

कोरोना वायरस से चीन में मरने वाले लोगों की आधिकारिक संख्या पर संदेह और गहरा गया है। उसने चीन में अस्थि कलश ले जाते हुए परिवारों पर एक खबर छापी है। जो इन दिनों काफी शेयर की जा रही हैं।

चीन की स्थानीय मीडिया ने खबर दी है कि वुहान के एक शवदाह गृह में दो दिनों के भीतर 5 हजार अस्थि कलश की डिलीवरी कराई गई है। हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि कितने कलश को राख से भरा गया। इस बारे में यहां का स्टाफ कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। या यूं कहे कि मुंह खोलने से मना कर दिया गया है।

चीन ने कहा - कोरोना से 3300 लोगों की मौत

बता दे कि चीन ने अब तक कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या सिर्फ 3300 बताई है। लेकिन दुनियाभर में बढ़ती मृतकों की संख्या के साथ ही चीन की पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इस बारें में जब वुहान के शवदाह गृहों में काम करने वाले लोगों से मीडिया ने बात करनी चाही तो उन्होंने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। उनका कहना था कि वे नहीं जानते कि कितने कलश को भरा गया।

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कोरोना वायरस पर जीत का चीन ने किया दावा

यहां आपको ये भी बता दे कि इसी महीने चीन ने अपने देश में कोरोना वायरस पर जीत हासिल करने का दावा किया था। कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित रहे वुहान के लॉकडाउन में भी चीन ने रियायत देना शुरू कर दिया है. चीन ने कहा कि उसके देश में अब ज्यादातर नए मामले विदेश से आने वाले लोगों के कारण हुए हैं।

अब तक पूरी दुनिया में 30,800 से अधिक लोगों की जान केवल कोरोना वायरस के कारण हुई है। वहीं इनमें चीन में हुई मौतों का आंकड़ा 3300 है, जबकि इटली में 10,000 से अधिक, स्पेन में 5900 से अधिक लोगों की कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण जान चली गई हैं।

चीन में क्यों बंद हुए 2 करोड़ से अधिक फोन?

चीन की मोबाइल कंपनियों के मुताबिक, पिछले 2-3 महीनों में 2 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन डिएक्टिवेट हो गए हैं। यह पहली बार है जब चीन में इस तरह टेलीफोन यूजर्स की संख्या तेजी से घटी है।

ऐसे में सवाल उठता है कि वे कौन लोग हैं जिनके फोन बंद हुए हैं और क्यों? इसके पीछे एक तर्क तो यह दिया जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से जो प्रवासी मजदूर शहरों को छोड़कर गांव चले गए, उन्होंने अपने शहर वाले नंबर को यूज करना बंद कर दिया।

हालांकि, चीन में अब कंपनियों में काम शुरू हो गया है। ऐसे में यदि इस तर्क के पीछे सच्चाई है तो अगले कुछ दिनों में ये फोन दोबारा चालू हो जाएंगे, यदि ऐसा नहीं होता है तो माना जाएगा कि दाल में कुछ काला जरूर है।

इसलिए भी संदेह

असल में चीन की मीडिया स्वतंत्र नहीं है। वहां से वही खबरें दुनिया के सामने आती हैं, जिन्हें चीन की सरकार बाहर आने देती है। चीन ने शुरुआत में कोरोना वायरस की खबरों को भी दबाना चाहा। उसने उन डॉक्टरों को भी प्रताड़ित किया, जिन्होंने सबसे पहले इस वायरस की पहचान की और सरकार को सतर्क किया। सवाल तो वायरस की उत्पत्ति को लेकर भी उठे।

संदेह यह भी जाहिर किया गया कि चीन किसी जैविक हथियार की खोज में तो नहीं जुटा था? हालांकि, अभी इन बातों पर पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। समय के साथ कई सवालों से पर्दा उठ सकता है।

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