चीन ने किया सैटेलाइट लॉन्च, ड्रैगन का अब आगे क्या है प्लान

इसी क्रम में चीन ने एक नया उपग्रह लॉन्च किया गया है। चीन अपने यहां के नेटवर्क को कमजोर नहीं होने देना चाहता है। चीन की ओर से इससे पहले चीन इस श्रृंखला में 11 उपग्रह लांच कर चुका है। मार्च-3 की श्रृंखला में ए, बी, सी, डी व इ तक उपग्रह लॉन्च किए जा चुके हैं।

Update: 2023-09-04 14:31 GMT

नई दिल्ली: वैसे तो चीन अपनी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एशिया में सबसे आगे है। लेकिन फिर भी वो अपनी संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को और उन्नत बनाता रहता है। जिसके लिए वो इस दिशा में नित नई-नई खोजें करता रहता है।

इसी क्रम में चीन ने एक नया उपग्रह लॉन्च किया गया है। चीन अपने यहां के नेटवर्क को कमजोर नहीं होने देना चाहता है। चीन की ओर से इससे पहले चीन इस श्रृंखला में 11 उपग्रह लॉन्च कर चुका है। मार्च-3 की श्रृंखला में ए, बी, सी, डी व इ तक उपग्रह लॉन्च किए जा चुके हैं।

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संचार प्रौद्योगिकी प्रयोग उपग्रह लॉन्च किया गया

दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत को झीचांग के जीचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर में लॉन्ग मार्च -3 बी वाहक रॉकेट द्वारा एक नई संचार प्रौद्योगिकी प्रयोग उपग्रह लॉन्च किया गया है। उपग्रह का उपयोग मुख्य रूप से मल्टी-बैंड और हाई-स्पीड के लिए किया जाएगा।

क्या है लॉन्ग मार्च रॉकेट

लॉन्ग मार्च रॉकेट (Long March Rocket or Changzheng Rocket) चीन की सरकार के द्वारा संचालित एक्सपेंडेबल लॉन्च सिस्टम का एक रॉकेट है। इसका विकास और डिजाइन चीन अकादमी प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी में किया गया। रॉकेट का नाम चीनी कम्युनिस्ट इतिहास के लॉन्ग मार्च की घटना के बाद रखा गया है।

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नई संचार प्रौद्योगिक उपग्रह किया लॉन्च

दरअसल प्रौद्योगिक उपग्रह लांच करने के पीछे का चीन का मकसद है कि चीन में संचार क्रांति आ सके, चीन अपने यहां के कम्युनिकेशन नेटवर्क को और भी अधिक मजबूती देना चाहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए चीन की ओर से नए-नए उपग्रह सौर मंडल में भेजे जाते रहते है। चीन ने देर रात दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत में झीचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से इस नए संचार प्रौद्योगिकी उपग्रह को लॉन्च किया।

मल्टी बैंड और हाइ स्पीड के लिए होगा इस्तेमाल

चीन की ओर से जो उपग्रह लॉन्च किया गया है उसका इस्तेमाल मल्टी बैंड और हाइ स्पीड इंटरनेट सुविधा के लिए किया जाएगा। चीन इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। इसी कड़ी में ये उपग्रह लॉन्च किया गया है।

उपग्रह और वाहक रॉकेट को क्रमश: चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन के तहत चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी और चाइना एकेडमी ऑफ लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया था।

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ये चीन का रॉकेट श्रृंखला का 315 वां मिशन है

चीन की ओर से गुरुवार का प्रक्षेपण लॉन्ग मार्च रॉकेट श्रृंखला का 315 वां मिशन था। इससे पहले 314 मिशन कम्प्लीट किए जा चुके हैं। चीन की ओर से भेजे गए इस तरह के कई उपग्रह का समय खत्म हो चुका है, अब वो निष्क्रिय हो चुके हैं। उनकी जगह पर नए उपग्रह भेजे गए हैं।

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