China Pakistan Relationship: चीन ने पाकिस्तान को दिए अधिक पेलोड क्षमता वाले ड्रोन, चीनी सेना आतंकियों को दे रही ट्रैनिंग

China Pakistan Relationship: पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में 50 ड्रोन भेजकर हथियार, ड्रग्स और गोला बारूद फेंकने की कोशिश की है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-10-07 12:12 IST

चीन ने पाकिस्तान को दिए अधिक पेलोड क्षमता वाले ड्रोन (social media)

China Pakistan Relationship: पाकिस्तान लगातार जम्मू में ड्रोन के जरिए आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। अब ऐसी खबर भी सामने आ रही है की पाकिस्तान ने चीन से अधिक पेलोड क्षमता वाले ड्रोन लिए हैं। इन ड्रोन कैमरों की मदद से पाकिस्तान बड़े हमलों की तैयारी कर रहा है। यही नहीं एक ही कंसाइनमेंट में गोला, बारूद, हथियार और ड्रग्स भेजने का प्रयास किया जा रहा है। इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए चीन पाकिस्तान के सैनिकों और आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा है।

इंपोर्टेंट इनफॉर्मेशन पॉइंट्स में समझिए

  • पाकिस्तान पांच से सात किलो वाले पेलोड वाले ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा था। 
  • यह ड्रोन 15 किलोमीटर दूर तक उड़ान भर सकते हैं।
  • इनकी हवा में उड़ने की क्षमता 6 से 8 घंटे की है।  
  • पाकिस्तान को चीन ने 15 से 20 किलो पेलोड, 20 घंटे तक उड़ने वाले और 20 से 25 किलोमीटर दूर तक उड़ान भरने की क्षमता वाले ड्रोन दिए हैं।
  • पाकिस्तान के बहावलपुर में चीन ने पाकिस्तान को अमेरिका में इस्तेमाल होने वाले 6 ड्रोन दिए हैं। इनकी पेलोड की क्षमता 350 किलो तक की है। यह 30 घंटे तक उड़ सकते हैं और मिसाइल तक दागने में सक्षम हैं।

 हालांकि, अभी तक इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 

सुरक्षाबलों के सामने आई बड़ी चुनौती

बता दें कि पाकिस्तान ने पिछले डेढ़ साल में जम्मू-कश्मीर में 50 ड्रोन भेजकर हथियार, ड्रग्स और गोला बारूद फेंकने की कोशिश की है। इनमें से सुरक्षाबलों ने 30 बार पाकिस्तान की साजिश को नाकाम किया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर भी एक बार ड्रोन से हमला कर चुका है, जिसमें एक जवान घायल हो गया था। सुरक्षाबलों के लिए अब नई चुनौती सामने आई है। वह यह है कि अब पाकिस्तान अधिक पेलोड और अधिक दूरी तक उड़ने वाले ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, सेना और BSF की ओर से सीमा पर ड्रोन से निपटने के लिए सिस्टम लगाया हुआ है। लेकिन खतरा बड़ा है इसलिए रक्षा विभाग इस पर गंभीरता से मंथन कर रहा है।

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