UN Report on China: शिनजियांग में मुस्लिम अल्पसंख्यक उइगरों पर अत्याचार कर रहा चीन, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा
UN Report on China: चीन के सुदूर – पश्चिमी क्षेत्र में स्थित शिनजियांग प्रांत में धार्मिक अल्पसंख्यक समूह उइगरों पर अत्याचार की खबरें लंबे समय से आती रही है।
UN Report on China: चीन के सुदूर – पश्चिमी क्षेत्र में स्थित शिनजियांग प्रांत में धार्मिक अल्पसंख्यक समूह उइगरों पर अत्याचार की खबरें लंबे समय से आती रही है। उइगर इस्लाम धर्म को मानते हैं और काफी समय से चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की प्रताड़ना को झेल रहे हैं। दुनिया भर के कई बड़े मीडिया संस्थान उइगरों के साथ हो रही ज्यादती पर रिपोर्ट प्रकाशित कर चुकी है लेकिन हरबार चीनी सरकार ने इसे पश्चिम की तरफ से चीन के खिलाफ फैलाया गया प्रोपेगेंडा बताकर आरोपों को खारिज कर दिया है।
वे उइगर मुसलमान जो किसी तरह से चीन से भागने में कामयाब रहे, उन्होंने दुनिया को अपनी आपबीती बताई। वर्तमान में बड़ी संख्या में उइगर मुसलमान तुर्की में रह रहे हैं। मुस्लिमों की रहनुमाई का दावा करने वाले तमाम बड़े मुस्लिम देश ड्रैगन की जुल्मों पर रहस्यमय चुप्पी साधे हुए हैं। इनमें सऊदी अरब, तुर्की और ईरान जैसे मुस्लिम देश शामिल हैं। हालांकि, दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन चीन को इस मुद्दे पर हमेशा से घेरते रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की निष्क्रियता की आलोचना करते रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट प्रकाशित
लंबे समय बाद अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने चीन में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की स्थिति पर 48 पन्नों की रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां उइगरों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। उन्हें बंधक बनाकर टॉर्चर किया जा रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि शिनजियांग में जबरन लोगों को कैद कर रखा जा रहा है। उनका जबरन मेडिकल ट्रीटमेंट किया जा रहा है। उनके अंगों को निकालकर ब्लैक मार्केट में बेचा जा रहा है।
उइगर मुस्लिमों की जबरन नसबंदी
संयुक्त राष्ट्र के रिपोर्ट में बताया गया है कि उइगर मुस्लिमों की जबरन नसबंदी की जा रही है। उन पर परिवार नियोजन और बर्थ कंट्रोल नीतियों की भेदभावपूर्ण नीति लागू की जाती है। उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। कैद में रखे गए उइगर मुसलमानों को जानबूझकर ऐसी दवाएं दी जाती है कि उन्हें सुस्ती महसूस हो। महिलाओं के साथ रेप और दूसरे तरह के सेक्सुअल वायलेंस के तरीके अपनाए जाते हैं।
ट्रेनिंग सेंटर और मनोरोगी अस्पताल पर उठाए सवाल
चीन के शिनजियांग प्रांत में बड़े पैमाने पर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर और साइकेट्रिक अस्पतालों के निर्माण करवाए गए हैं। इन ट्रेनिंग सेंटरों में उइगरों मुसलमानों के साथ होने वाले बर्ताव पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। यहां उइगरों लोगों को उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से अलग कर चीनी संस्कृति के तौर तरीकों को अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है। लोगों को जबरदस्ती चीनी राष्ट्रगान गाने के लिए कहा जाता है। वहीं साइकेट्रिक अस्पतालों में चीन अपने राजनीतिक कैदियों को सजा देता है। यहां उनके साथ मारपीट की जाती है, कई महीनों तक एक ही कमरे में बंद रखा जाता है और उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक भी दिया जाता है। रिपोर्ट में चीन पर उइगरों के मौलिक अधिकारों का दमन करने और उनके कानूनी अधिकारों को छिनने का आरोप लगाया है, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है।
बता दें कि चीन की बहुसंख्यक आबादी हान है। चीन शिनजियांग और तिब्बत जैसे दूर – दराज के इलाकों में बड़े पैमाने पर हान समुदाय को बसा कर वहां का डेमोग्राफी बदलने की कोशिश में जुटा है। शिनजियांग में वह ऐसा करने में सफल भी रहा है। उसने कभी यहां की बहुसंख्यक आबादी रही उइगर मुसलमानों को अल्पसंख्यक बना दिया है।
चीन ने रिपोर्ट दबाने की पूरी कोशिश की
संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से इस रिपोर्ट को जारी करना चाहता था लेकिन चीन ऐसा नहीं होने देना चाहता था। उसने इसबार भी काफी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाया। चीनी सरकार का कहना है कि इसे पश्चिमी देशों के नजरिए से बनाया गया है। इसका मकसद चीन की छवि दुनिया में खराब करने की है।
ये रिपोर्ट यूएन मानवाधिकार आयोग की कमिश्नर मिशेल बाचेलेट का कार्यकाल खत्म होने से मात्र 13 मिनट पहले सार्वजनिक की गई। बाचेलेट ने बीते साल ही ये रिपोर्ट पब्लिश करने की बात कही थी लेकिन अब तक ऐसा न हो पाने के कारण उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।