चीन के खिलाफ बड़ा कदम उठाने जा रहा अमेरिका, भारत समेत ये देश भी देंगे साथ

इस रिपोर्ट में अमेरिका को अपनी अग्रिम मौजूदगी को बढ़ाने और संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यास के माध्यम से सहयोगियों और साझेदार राष्ट्रों के साथ पारस्परिक व्यवहार में सुधार करने का सुझाव दिया गया।

Update: 2020-10-01 13:45 GMT
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि उइगर और तिब्बती समेत जातीय अल्पसंख्यकों का दमन जारी है। चीन ने समुद्र में दूसरे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।

वाशिंगटन: चीन की चालबाजियों और नापाक हरकतों से भारत की तरह ही अमेरिका भी अच्छी तरह से वाकिफ है। अमेरिका चीन की विस्तारवादी मानसिकता को भी अच्छे से जानता है। इसलिए वह लगातार एक के बाद कई ऐसे कदम उठा रहा है, जिससे आने वाले दिनों में चीन की मुसीबतें और भी ज्यादा बढ़ने वाली हैं।

चीन के बारे में बुधवार को अमेरिकी संसद की एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं, मानवाधिकारों का हनन, आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी परेशानियों, कोरोना वायरस महामारी से निपटने में त्रुटियों और विश्व पटल पर चीन के बढ़ते प्रभाव जैसे मुद्दों से निपटने के लिए 400 से ज्यादा नीतिगत सिफारिशें की गई हैं।

इस रिपोर्ट के अंदर चीन के खतरे का मुकाबला करने के लिए निर्णायक कार्रवाई का सुझाव देते हुए आरोप लगाया गया है कि चीन मानवाधिकार हनन में शामिल है और सैन्य तैनाती बढ़ा रहा है तथा उसने दूसरे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो(सोशल मीडिया)

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चीन के दुष्प्रचार को रोकने के लिए सूचना अभियान चलाएं अमेरिका: अमेरिकी रिपोर्ट

गौर करने वाली बात ये है कि इस रिपोर्ट में चीन में सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीपी) के दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए सरकार की तरफ से आक्रामक सूचना अभियान चलाने को कहा गया है जो सीसीपी की "असत्य और दुष्ट" विचारधारा को कमतर करने के लिए सच और अमेरिकी मूल्यों का उपयोग करे।

इतना ही नहीं आगे रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन "भारतीय सीमा पर भूमि पर कब्जा करने के लिए घातक झड़पों को अंजाम दे रहा है।

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(सोशल मीडिया)

ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अन्य देशों को चीन के खिलाफ एकजुट करे अमेरिका

इस रिपोर्ट में अमेरिका को अपनी अग्रिम मौजूदगी को बढ़ाने और संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यास के माध्यम से सहयोगियों और साझेदार राष्ट्रों के साथ पारस्परिक व्यवहार में सुधार करने का सुझाव दिया गया है।

इसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अन्य जैसे समान विचारधारा वाले देशों को एक साथ लाना और बहुपक्षीय अभ्यासों को नियमित करना शामिल है।

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि उइगर और तिब्बती समेत जातीय अल्पसंख्यकों का दमन जारी है। चीन ने समुद्र में दूसरे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।

भारतीय सीमा पर भूमि पर कब्जा करने के लिए घातक झड़पें की हैं और भूटान पर नए क्षेत्रीय दावे किए हैं। चीन ने अपने सैन्य बल को बढ़ाया है, युद्ध के लिए उकसावे भरी कार्रवाई भी की हैं।

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