चीन के खिलाफ ये तीन देश: उठाया ऐसा कदम, तिलमिला गया ड्रेगन

अमेरिका और ब्रिटेन के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने भी हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता के मुद्दे पर चीन के खिलाफ आवाज उठाई। चीन ने ऑस्ट्रेलिया को उसके मामले में दखल न देने की चेतावनी दे डाली।

Update:2020-07-03 20:29 IST

नई दिल्ली: चीन इन दिनों दुनिया के कई देशों की आलोचना का शिआर बना हुआ है। हॉन्गकॉन्ग के मुद्दे पर तो दुनिया भर के देशों से घिर गया है। दरअसल, चीन ने हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता खत्म के लिए वहां नया राष्ट्रीय कानून लागू किया, जिसके बाद से इसका विरोध शुरू हो गया। अमेरिका और ब्रिटेन के बाद अब ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने भी इस मुद्दे पर चीन के खिलाफ आवाज उठाई। जिसपर नाराज होकर चीन ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दे डाली और उसके आंतरिक मामले में दखल देने से मना किया।

हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर चौतरफा घिरा चीन

ऑस्ट्रेलिया ने चीन का दबाव झेल रहे हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को सुरक्षित पनाह देने की बात कहीं है। जिसपर चीन ने कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि ये चीन का आंतरिक मामला है और इसमें दखल देने की कोशिश न की जाये।

चीन ने छीनी हांगकांग की स्वायत्तता

बता दें कि वैसे तो हॉन्ग कॉन्ग चीन के 'वन नेशन टू सिस्टम' का हिस्सा है, ऐसे में हॉन्ग कॉन्ग को कई मामलों में स्वायत्तता हासिल है। लेकिन चीन ने नया सुरक्षा कानून लागू कर हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता के हनन की कोशिश की। जिसका विरोध शुरू हो गया।

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ब्रिटेन से चीन से ली थी हॉन्गकॉन्ग को 2047 तक स्वायत्तता देने की गारंटी

बता दें कि साल 1997 में ब्रिटेन के उपनिवेश रहे हॉन्ग कॉन्ग को चीन को सौंपा गया था। इस दौरान ब्रिटेन ने साल 2047 तक हॉन्गकॉन्ग को स्वायत्तता देने की गारंटी चीन से ली थी। लेकिन अब चीन अपने वादे से मुकर गया।

ऑस्ट्रेलिया ने हांगकांग के नागरिकों को पनाह देने का दिया ऑफर

इसी मामले में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा, 'हॉन्ग कॉन्ग की स्थिति बेहद चिंताजनक है और उनकी सरकार हॉन्ग कॉन्ग के नागरिकों का अपने देश में स्वागत करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।' उन्होंने एलान किया कि हांगकांग के जो भी नागरिक ऑस्ट्रेलिया आना चाहते हैं, उनकी सरकार मदद करने को तैयार है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया माइग्रेंट वीजा या रिफ्यूजी प्रोग्राम के तहत हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को अपने देश में बसा सकता है।

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अमेरिका ने लगाया चीन के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर प्रतिबंध

गौरतलब है कि हांगकांग के मुद्दे पर अमेरिका लगातार चीन पर आक्रामक है। हाल ही में उसने अमेरिकी सांसदों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने वाले बिल क मंजूरी दी। वहीँ उन पुलिसकर्मियों के अमेरिका में आने पर रोक लगा दी तो हांगकांग में कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का दमन करने में शामिल हैं।

ब्रिटेन ने हांगकांग के नागरिकों को ब्रिटेन में रहने की दी मंजूरी

इसके अलावा ब्रिटेन ने भी हॉन्ग कॉन्ग के लोगों के उनके देश में बसने का रास्ता खोल दिया। ब्रिटेन ने करीब साढ़े तीन लाख ब्रिटिश पासपोर्टधारकों और करीब 26 लाख अन्य लोगों के लिए पांच साल तक ब्रिटेन में रहने की अनुमति दे दी है। वहीं ब्रिटेन में निवास करने के छह साल पूरे होने पर हांगकांग के नागरिक ब्रिटेन की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

चौतरफा घिरे चीन ने अब धमकियां देना शुरू कर दिया। चीनी विदेश मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दी कि उनके मामलों में दखल न दें। इसके साथ ही ब्रिटेन के कदम पर कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का गंभीर उल्लंघन है। चीन इसके खिलाफ कदम उठाएगा, जिसका नतीजा ब्रिटेन को भुगतना होगा।

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