चीन नहीं सुधरेगा: भारत पर साध रहा निशाना, सीमा पर हालात बेहद खराब

चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसने भारत के सामने घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

Update: 2020-06-17 07:18 GMT

नई दिल्ली : 15-16 जून की दरमियानी रात में पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमे भारतीय सेना ने जहां 23 जवान शहीद हुए ,वहीँ चीन के अभी तक 43 जवान शहीद हो चुके है। लेकिन चीन ने इस पर चुप्पी साध रखी है। चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में हई इस झड़प पर भारत को ज़िम्मेदार ठहराया।

भारत के ऊपर लगाया आरोप

चीन ने इस लड़ाई पर अपना बयान रखते हुए बोला कि भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से दो बार सीमा पार की और उत्तेजक हमले किए। चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसने भारत के सामने घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हालांकि उसने यह नही बताया है कि झड़प में उसके कितने सैनिकों की मृत्यु हुई है।

वहीं पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रवक्ता का कहना है कि गंभीर झड़पों में कुछ सैनिक हताहत हुए हैं। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने कहा कि चीन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि दोनों ही संख्या को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।

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गलवानी नदी घाटी चीन का क्षेत्र

चीन की पश्चिमी कमांड के प्रवक्ता झांग शुईली ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच भयंकर शारीरिक संघर्ष हुआ जिसके परिणामस्वरूप सैनिक हताहत हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि गलवानी नदी घाटी क्षेत्र चीन का है और भारतीय जवान चीनी क्षेत्र पर अवैध गतिविधियों का संचालन कर रहे थे।

उसने यह भी बोला कि भारत पर सीमा मुद्दे और समझौते पर सहमति का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। दोनों कमांडर स्तर की वार्ता करने पर राजी हुए हैं। उन्होंने भारत से बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने के लिए कहा है। वहीं एक सेवानिवृत्त राजनयिक का कहना है कि एलएसी पर हिंसा की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा।

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