पत्रकार ने वुहान और कोरोनो का दिखाया सच, तो चीन ने दी ये बड़ी सजा
चीन की एक अदालत ने एक पत्रकार को चार की साल सजा सुनाई है। इस महिला पत्रकार ने चीन के वुहान शहर से कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों पर रिपोर्टिंग की थी और वहां के तथ्य दुनिया के सामने रखे थे। सच्चाई दिखाना चीन को बेहद नागवार गुजरा है और बहाने से पत्रकार को सजा दे दी गयी है।
बीजिंग: चीन की एक अदालत ने एक पत्रकार को चार की साल सजा सुनाई है। इस महिला पत्रकार ने चीन के वुहान शहर से कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों पर रिपोर्टिंग की थी और वहां के तथ्य दुनिया के सामने रखे थे। सच्चाई दिखाना चीन को बेहद नागवार गुजरा है और बहाने से पत्रकार को सजा दे दी गयी है।
चार साल की सजा
वुहान से संक्रमण के शुरुआती दिनों पर रिपोर्टिंग करने वाली सिटीजन जर्नलिस्ट को एक अदालत ने झगड़े के आरोप में चार साल की सजा सुनाई है। सिटीजन जर्नलिस्ट 37 वर्षीय झांग झान के वकील ने कहा कि कोर्ट ने उन्हें झगड़ा करने और समस्या को भड़काने का दोषी पाते हुए चार साल की सजा सुनाई है। झान उन चंद लोगों में थीं जिन्होंने भीड़भाड़ वाले अस्पतालों और सुनसान सड़कों की भयावह तस्वीरें दुनिया के सामने रखीं।
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सच नहीं दिखाना है
झान के वकील रेन क्वानियु ने कहा है कि वो लोग अपील करेंगे। क्वानियु ने कहा कि झांग का मानना है कि उन्हें अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल करने के लिए सताया जा रहा है। चीन के कोरोना संकट से जल्द नहीं निपटने की आलोचना को वहां के अधिकारियों ने दबा दिया और व्हिसल ब्लोअर्स जैसे कि डॉक्टरों को इस बारे में चेतावनी भी दी गई थी। एक डाक्टर को तो इतना प्रताड़ित किया गया था कि उसकी मौत हो गयी। सात महीने तक झांग को चीन ने हिरासत में रखा और उसके बाद उन पर सुनवाई शुरू की। हालांकि झांग के कुछ समर्थक कोर्ट के बाहर इकट्ठा हुए और उनके समर्थन में नारेबाजी की। के सुरक्षारकर्मियों का कहना था कि विदेशी पत्रकारों को कोरोना वायरस महामारी की वजह से अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।
कोरोना वायरस का दिखाया था सच
झान 1 फरवरी को अपने शंघाई वाले घर से वुहान पहुंची थीं। उन्होंने यूट्यूब पर स्थानीय नागरिकों का इंटरव्यू, कमेंट्री के साथ साथ स्थानीय शवदाहगृह का वीडियो, ट्रेन स्टेशनों, अस्पतालों और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी का वीडियो अपलोड किया था। मध्य मई में उन्हें हिरासत में लिया गया था और उन्होंने इसके खिलाफ जून के आखिर में भूख हड़ताल की थी। उनके वकीलों ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने उन्हें जबरन ट्यूब के जरिए खाना खिलाया।
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उनके वकील ने बताया कि सुनवाई शुरू होने के पहले उन्हें जमानत देने और सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग पर कोर्ट ने ध्यान नहीं दिया। झान के अलावा अन्य सिटीजन जर्नलिस्ट फांग बिन, चेन कुईशी और ली जेहुआ को भी पत्रकारिता के लिए हिरासत में लिया गया था। फांग के बारे में कोई सूचना तो नहीं मिली लेकिन ली अप्रैल महीने में यूट्यूब वीडियो में नजर आए थे और कहा था कि उन्हें जबरदस्ती क्वारंटीन में भेज दिया गया था। चेन को बाद में रिहा कर दिया गया था लेकिन उन्होंने इस बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है।
नीलमणि लाल