कोरोना का तांडव: दुनिया की 15 बड़ी इकोनॉमी हो रही तबाह, भारत भी शामिल

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर अपने कुल पार्ट्स का 27 फीसदी चीन से आयात करता है। अब इसमें रुकावट आने और मंदी के बीच इस साल वाहनों की डिमांड में 8.3 फीसदी की गिरावट की आशंका है। इसके साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी कोरोना बुरी खबर लेकर आया है।

Update:2020-03-15 19:09 IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से तबाही का असर भारत समेत दुनिया की 15 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को अपनी चपेट में ले चुका है। इसके खतरे को देखते हुए केवल 2 महीनों में ही रेटिंग एजेंसी मूडीज ने ग्लोबल इकोनॉमी की विकास दर के अनुमान में भारी कटौती की है। तेजी से फैलती ये महामारी लगातार लोगों को अपने आगोश में ले रही है। हालत ये है कि बाजार-मॉल्स खाली हो गए हैं और उनको बंद कर दिया गया है। लोगों ने अपनी जरूरी और गैर-जरूरी यात्राएं रोक दी हैं।

15 दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं में में कोरोना का असर

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सभी साधनों में लोग या तो नहीं जा रहे हैं या मास्क लगाकर यात्रा करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्विटर, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, पेटीएम समेत कितनी ही कंपनियों ने घर से काम करने की छूट अपने कर्मचारियों को दी है। चीन से शुरू हुए इस वायरस का असर दुनिया के करीब 100 देशों में देखा जा रहा है। लेकिन दुनिया की जिन 15 दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं में इसका सबसे ज्यादा असर होने की आशंका है, उनमें भारत भी शामिल है। इसका दावा खुद संयुक्त राष्ट्र की कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवेलपमेंट यानी UNCTAD ने किया है।

ये भी देखें: मास्क की काला बाज़ारी रोकने के लिए योगी सरकार ने लिया ये बड़ा ऐक्शन

भारत पर इसका असर पड़ने की वजह चीन से सप्लाई चेन के तौर पर जुड़ा होना है।भारत में गाड़ी, मोबाइल, AC, फ्रिज, टीवी समेत कितने ही प्रॉडक्ट्स के लिए कच्चा माल चीन से आता है।लेकिन चीन में उत्पादन में आई कमी का असर भारत से होने वाले उसके व्यापार पर भी पड़ा है।

इससे भारत की अर्थव्यवस्था को करीब 34.8 करोड़ डॉलर तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।यूरोप के आर्थिक सहयोग और विकास संगठन यानी OECD ने भी 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर का पूर्वानुमान 1.1 फीसदी घटा दिया है।

भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.2 फीसदी का था अनुमान

OECD ने पहले अनुमान लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.2 फीसदी रहेगी लेकिन अब उसने इसे कम करके 5.1 फीसदी कर दिया है। अब मूडीज ने भी कोरोना के असर से ग्लोबल इकोनॉमी का अनुमान घटा दिया है।

मूडीज के ताजा अनुमान के मुताबिक 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 1.9 फीसदी की दर से विकास करेगी।इसके पहले जनवरी में मूडीज ने दुनिया की विकास दर 2.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान लगाया था।

ये भी देखें: अभी-अभी कांग्रेस को तगड़ा झटका, अब इन दिग्गजों ने छोड़ा साथ

ज्वेलरी सेक्टर

ज्वैलरी जगत में जवाहरात उद्योग को भी अपने चीन और हॉन्गकॉन्ग जैसे मार्केट्स के ठप होने से सवा अरब डॉलर के भारी नुकसान की आशंका है। इसके अलावा भी कितने ही सेक्टर्स हैं जिनमें गिरावट का माहौल बना हुआ है। जिस तरह से जनवरी में IIP में 2 परसेंट का उछाल आया था और पीएमआई ने भी जनवरी-फरवरी में इकॉनमी के हालात सुधरने के संकेत दिए थे।

इसके साथ ही मूडीज ने चीन की आर्थिक विकास दर का अनुमान भी 6.2 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया है।यानी महज 2 महीनों में ही कोरोना के असर से विकास दर के अनुमान में 25 परसेंट की कमी हो गई है।अगर भारत के लिहाज से बात करें तो फिर कोरोना के असर से जिन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा गिरावट की आशंका है, उनमें शामिल हैं।

ऑटो सेक्टर

ऑटो सेक्टर में उत्पादन चीन से कच्चा माल ना आने के चलते थमने की आशंका पैदा हो गई है।ऑटो सेक्टर को 1 अप्रैल से बीएस-6 पर शिफ्ट होना है, जिसके लिए भी पार्ट्स चीन से आते हैं।

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर अपने कुल पार्ट्स का 27 फीसदी चीन से आयात करता है। अब इसमें रुकावट आने और मंदी के बीच इस साल वाहनों की डिमांड में 8.3 फीसदी की गिरावट की आशंका है। इसके साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी कोरोना बुरी खबर लेकर आया है।

ये भी देखें: CORONA: कौन और कब करा सकता है टेस्ट, सरकार ने बनाए नियम

मॉल्स-दुकानें-मूवीज बंद होने से रियल एस्टेट के लीज़िंग मॉडल को सीधे चोट पहुंच रही है।लोगों के घरों से ना निकलने की वजह से पहले ही मंदी से परेशान रियल एस्टेट को बड़ा नुकसान होने की आशंका है।

फॉर्मा सेक्टर

कोरोना के इलाज के लिए जिन दवाओं और दूसरे मेडिकल उपकरणों की जरुरत है वो भी डिमांड के बावजूद कमी का सामना कर रहे हैं।फॉर्मा सेक्टर को इस वक्त मास्क, सैनेटाइजर समेत कई जरूरी दवाओं और मेडिकल उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ा रहा है।

अब कोरोना ने अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीदों को कमजोर कर दिया है।जिस तरह से सभी सेक्टर्स में गिरावट का आलम है उससे इकोनॉमी को रिकवरी करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है

Tags:    

Similar News