कोरोना वैक्सीन के सीक्रेट चुराने के लिए इस मुल्क ने किया साइबर अटैक

पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। कोरोना पर कैसे काबू पाया जाए इस पर मंथन चल रहा है। इस बीच ईरान पर आरोप लगे हैं कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए ब्रिटिश संस्थानों पर साइबर हमले शुरू कर दिए हैं।

Update:2020-05-04 13:30 IST

नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। कोरोना पर कैसे काबू पाया जाए इस पर मंथन चल रहा है। इस बीच ईरान पर आरोप लगे हैं कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए ब्रिटिश संस्थानों पर साइबर हमले शुरू कर दिए हैं। इन दोनों देश पर गोपनीय डाटा को चुराने का आरोप लग रहा है।

हैकर्स ने ब्रिटेन के उन विश्वविद्यालयों को निशाना बनाया है, जहां वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की टीम इस वायरस पर रिसर्च कर रही है और इसे खत्म करने के लिए शोध कर रही है। इसके अलावा कोविड-19 के टीके और परीक्षण किट से जुड़ी जानकारी भी चुराने की कोशिश हुई है।

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ईमेल और सर्वर को हैक करने की कोशिश

ईरान और रूस से हैकर्स ने वायरस पर स्टडी कर रहे लोगों के ईमेल और सर्वर को हैक करने की कोशिश की है। एक एक्सपर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि वे लोग कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी चुराने की कोशिश कर रहे हैं।

सुरक्षा मामलों के एक जानकार ने कहा कि इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी के मामलों में देश और गंभीर अपराध के बीच लाइन धुंधली हो जाती है। दिक्कत ये है कि इस वक्त ये मामले बढ़ गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर ने कहा है कि कोरोना से जुड़े एक्सपर्ट और इंस्टीट्यूट पर साइबर अटैक की घटनाएं बढ़ गई हैं। सेंटर साइबर अटैक से लड़ने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है।

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पिछले हफ्ते अमेरिका में भी साइबर अटैक की ऐसी ही कोशिश

साइबर अटैक को लेकर ब्रिटेन की डिफेंस कमेटी के चेयरमैन टोबायस एलवुड ने कहा था कि ब्रिटेन को उचित तरीके से जवाबी हमला करने से पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस पर दुनिया का ध्यान होने की वजह से इस वक्त साइबर हमले हो सकते हैं। खासकर तब जब वैक्सीन का महत्व काफी अधिक है।

पिछले हफ्ते अमेरिका में भी साइबर अटैक की ऐसी ही कोशिश की गई थी। अमेरिका के नेशनल काउंटर इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर के डायरेक्टर बिल इवानिना ने कहा था कि अमेरिकी सरकार ने सभी मेडिकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन को खतरे के बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा था कि हम रिसर्च और डाटा की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

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