खून के जरिए शरीर के हर अंग पर हमला करता है कोरोना, नई स्टडी में हुआ खुलासा
दुनिया भर में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही इस पर रिसर्च का काम भी काफी तेजी से चल रहा है। पूरी दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों और शीर्ष संस्थानों में कोरोना पर किए जा रहे रिसर्च में रोज नए खुलासे हो रहे हैं।
ज्यूरिख: दुनिया भर में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही इस पर रिसर्च का काम भी काफी तेजी से चल रहा है। पूरी दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों और शीर्ष संस्थानों में कोरोना पर किए जा रहे रिसर्च में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में कोरोना पर किए गए रिसर्च में बताया है कि यह वायरस शरीर के हर हिस्से में खून पहुंचाने वाली रक्तवाहिनियों पर हमला कर रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि रक्तवाहिनियों को संक्रमित करने के बाद इस वायरस की शरीर के किसी भी अंग तक पहुंच हो जाती है और फिर यह वायरस जानलेवा हो सकता है।
ऐसे फैलता है शरीर में संक्रमण
ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में किया गया यह शोध द लैसेंट जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध को करने वाले फ्रैंक रस्चिज्का का कहना है कि रक्तवाहिनी की ऊपरी सतह को एंडोथीलियम कहते हैं। यह वायरस एंडोथीलियम पर हमला करता है। इसका असर यह होता है कि शरीर में खून का प्रवाह घटता है और शरीर के किसी एक हिस्से में खून जमा होने लगता है। शोध से यह भी पता चलता है कि कोरोना केवल फेफड़ों पर ही कहर नहीं बरपाता बल्कि यह शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है।
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हार्ट और हाई बीपी के मरीजों को ज्यादा खतरा
शोध में यह भी बताया गया है कि रक्तवाहिनियों पर हमला करने के कारण ही यह दूसरे लोगों की अपेक्षा हाई बीपी और हार्ट के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित होता है। इसलिए हार्ट और हाई बीपी के मरीजों को इस वायरस से विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के संक्रमण के अभी तक सामने आए मामलों से पता चलता है कि यह वायरस हृदय, किडनी, आंत और फेफड़ों को जकड़ लेता है।
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इस तरह किया गया अध्ययन
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले कोरोना के संक्रमण के तरीके को समझने की कोशिश की। उन्होंने इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के जरिए पीड़ित मरीजों की रक्त वाहिनियों को देखा। इन मरीजों की रक्त वाहिनियां क्षतिग्रस्त दिखीं। इसकी वजह एसीई-2 रिसेप्टर एंजाइम को बताया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह एंजाइम शरीर के कई अंगों जैसे फेफड़े, धमनी, किडनी और हृदय की कोशिकाओं में पाया जाता है। उनका कहना है कि वायरस इस एंजाइम को जकड़ने के बाद पूरे शरीर में संक्रमण फैला देता है।
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ऐसे मरीजों की रक्तवाहिनियां कमजोर
अध्ययन में बताया गया है कि पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को संक्रमण का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि उनकी रक्तवाहिनियां कमजोर पड़ जाती है। हाई बीपी, ह्रदय रोग, मोटापा, स्मोकिंग और डायबिटीज के मरीजों में रक्तवाहिनियां कमजोर होती हैं और इस कारण ऐसे मरीजों को कोरोना ज्यादा संक्रमित कर रहा है।
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ऑटोप्सी रिपोर्ट से भी हुई पुष्टि
कोरोना मरीजों की ऑटोप्सी रिपोर्ट से भी इस बात की पुष्टि हुई है। ऑटोप्सी रिपोर्ट में रक्तवाहिनियों की ऊपरी सतह पर वायरस का तीव्र संक्रमण पाया गया। इसीलिए शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला है कि रक्तवाहिनियों के जरिए यह वायरस शरीर के किसी भी अंग तक मार करने में सक्षम है।