Coronavirus: मास्किंग, सोशल डिस्टेंसिंग- सब खत्म, अब जियो नार्मल तरीके से

Coronavirus: नॉर्वे ने कोरोना संबंधी सभी सावधानियां और एहतियात (Corona Restrictions) रद्दी की टोकरी में फेंक दिए हैं और अपने देशवासियों से खुलकर नॉर्मल तरीके से जीने को कहा है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update: 2021-09-27 06:28 GMT

कोरोना वायरस (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Coronavirus: नॉर्वे (Norway) ने कोरोना संबंधी सभी सावधानियां और एहतियात (Corona Restrictions) रद्दी की टोकरी में फेंक दिए हैं और अपने देशवासियों से खुलकर नॉर्मल तरीके से जीने को कहा है। इसके पहले डेनमार्क (Denmark) भी सभी बंदिशें हटा चुका है। नॉर्वे में अब न मास्क (Covid-19 Mask) पहनने को कोई कहेगा और ना सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जैसी कोई चीज रहेगी। लेकिन ऐसे कदम का क्या नतीजा होगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। 

53 लाख की जनसंख्या वाले इस देश में 67 फीसदी आबादी का फुल वैक्सिनेशन (Covid-19 Vaccination) हुआ है। जबकि 76 फीसदी को सिंगल डोज़ (Corona Vaccine First Dose) लग चुकी है। नॉर्वे में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) भी खत्म नहीं हुआ है तथा रोजाना नए केस (Corona Cases In Norway) मिल रहे हैं। 24 सितंबर को ही 705 नए केस मिले थे। इसके बावजूद नॉर्वे की सरकार ने घोषणा की है कि अब नॉर्मल तरीके से जीने का समय आ गया है। नॉर्वे की प्रधानमंत्री (Norway Ki Pradhanmantri) एर्ना सोलबर्ग (Erna Solberg) ने कहा है कि नॉर्वे में 561 दिन तक कठोर बंदिशें लागू रही थीं, अब नॉर्मल जिंदगी जीने का समय आ गया है। 

नॉर्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

नॉर्वे सरकार का यह फैसला अचानक नहीं आया है। इसकी तैयारी काफी पहले से की जा रही थी। बंदिशें हटाने के लिए सरकार ने चार चरणों का प्लान बनाया हुआ था। इसी प्लान का अंतिम चरण सब बंदिशें हटाने का था। लेकिन संक्रमण बढ़ने के डर से इसे कई बार स्थगित किया गया। देश के स्वास्थ्य मंत्री ने पहले से ही सभी नगरपालिकाओं को पत्र लिख कर कहा था कि वे बंदिशें हटाने की तैयारी कर लें। लेकिन सरकार सब पाबन्दियों को हटा लेगी और कोई दिशा निर्देश नहीं देगी, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।

डेल्टा का भी प्रकोप

दुनिया के बहुत से देशों की तरह नॉर्वे में भी कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (Corona Delta Variants) का भारी प्रकोप रहा है। सख्त पाबन्दियों के बावजूद नॉर्वे में कोरोना के कुल 1 लाख 86 हजार मामले आये हैं और 850 मौतें हुईं हैं। 24 सितंबर को ही नॉर्वे में 705 नए केस मिले। लेकिन स्वास्थ्य संबंधी सर्वोच्च संस्था इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने कहा है कि समाज को पाबन्दियों से मुक्त कर देना चाहिए।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नॉर्वे की बड़ी आबादी को वैक्सीन लग चुकी है सो अब हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) का रिस्क उठाया जा सकता है। जनता को सब रिस्क पता हैं और समुचित व्यवहार लोगों की निजी जिम्मेदारी भी है। पाबन्दियों को हटाने का असर अगर ठीक नहीं रहेगा तो आगे कोई अलग फैसला किया जा सकता है। 

सड़कों पर जाते लोग (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लोग खुद तय करें

नॉर्वे की सरकार का कहना है कि अगर नागरिक कोरोना पाबन्दियों वाली जिंदगी नहीं जीना चाहते हैं तो उनको ऐसा करने की जरूरत भी नहीं है। लोग खुद तय करें कि उन्हें क्या उपाय करने हैं और क्या करना है। अब सरकार की तरफ से न कोई सलाह है और न कोई नियम। लोगों को अपना व्यवहार स्वयं तय करना चाहिए।

जम कर हुआ उत्पात

पाबंदियां हटाने की सरकार की घोषणा होते ही देश भर में जम कर हुड़दंग और उत्पात होने लगा। सड़कों पर भीड़ उमड़ आई। रेस्तरां और शराब घर एकदम पैक्ड हो गए। नाईट क्लबों के बाहर लम्बी कतारें लग गईं। पुलिस के अनुसार, लोग एकदम पगला गए थे। सड़कों पर लोगों के बीच मारपीट की दर्जनों वारदातें भी हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए।   

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