Covid-19 वैक्सीन: शख्स का पहली खुराक में हाल बेहाल, हो रहा बुरा असर
अमेरिका के वॉशिंगटन के रहने वाले 29 साल के लड़के इआन हेडन ने अमेरिकी कंपनी की कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद एक इंटरव्यू में बात करते हुए इआन हेडन बताया कि वे बेहोश हो गए थे।
नई दिल्ली: बीते कई महीनों से दुनिया के कई देश कोरोना वायरस महामारी की वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं, वहीं कई देशों ने वैक्सीन को लेकर ट्रायल भी करना शुरू कर दिया है। अमेरिका की एक मॉडर्ना कंपनी ने कोरोना महामारी की वैक्सीन बनाई है, जिसका ट्रायल चल रहा है। लेकिन अब अमेरिकी कंपनी ने जिस लड़के पर ये वेैक्सीन लगाई थी, उस पर बहुत बुरा असर होने की खबर मिल रही है।
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वे बेहोश हो गए
अमेरिका के वॉशिंगटन के रहने वाले 29 साल के लड़के इआन हेडन ने अमेरिकी कंपनी की कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद एक इंटरव्यू में बात करते हुए इआन हेडन बताया कि वे बेहोश हो गए थे।
लेकिन अपनेआप पर बुरा असर होने के बाद इआन ने कहा कि वे चाहते हैं कि जब वैक्सीन उपलब्ध हो तो लोग लगवाएं। इआन ने कहा कि वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के करीब 12 घंटे बाद उन्हें 103 फारेनहाइट बुखार हो गया था।
अचानक से इआन की तबीयत बिगड़ने पर उनको इमरजेंसी क्लिनिक में इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन जब वे वापस घर लौटे तो बेहोश हो गए। हालांकि, 24 घंटे के अंदर उनकी तबीयत में सुधार देखने को मिला।
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वैक्सीन लगाने में रुचि नहीं
इसके बाद इआन हेडन ने कहा कि वे समझते हैं कि कुछ लोगों को उनके बारे में जानकर डर लगेगा। लेकिन उम्मीद है कि आमतौर पर किसी वैक्सीन को लेकर या फिर खासतौर से मॉडर्ना की वैक्सीन को लेकर लोग विरोध नहीं करेंगे।
हाल ही में अमेरिका में एक सर्वे किया था। इस सर्वे में पता चला कि लगभग एक चौथाई अमेरिकी युवक कोरोना वैक्सीन लगवाने में रुचि नहीं रखते हैं। इनमें से कई लोगों ने सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है।
इस सर्वे में अमेरिका के 4428 वयस्कों पर परीक्षण किया गया था। जिन में से 14 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें वैक्सीन लगाने में रुचि नहीं है, साथ ही 10 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बहुत रुचि नहीं रखते हैं, जबकि 11 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन लगाने पर फैसला नहीं कर पाए थे।
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पहली डोज लगाई गई तो
ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस से कम्युनिटी में इम्युनिटी हासिल करने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत लोगों को इम्यून करने की जरूरत होगी।
वहीं, ट्रायल वाले लड़के इआन हेडन ने कहा कि जब उन्हें मॉडर्ना वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई तो हाथों में कुछ दर्द हुआ और हाथ कंधे से ऊपर उठाने में भी उन्हें दिक्कत हुई।
फिर उसके बाद दूसरी डोज में जब इआन हेडन की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें सुबह 5 बजे इमरजेंसी क्लिनिक जाना पड़ा। कुछ इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें हॉस्पिटल जाने को कहा, लेकिन वे घर लौट आए। इआन के घर लौटने पर उन्हें उल्टी हुई और वे बेहोश हो गए।
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वैक्सीन की उच्च खुराक
अमेरिकी मॉडर्ना कंपनी ने इआन के साथ ही अन्य 45 वॉलेंटियर्स को भी कोरोना वैक्सीन लगाए हैं। सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक चार वॉलेंटियर्स को गंभीर दिक्कत हुई है, लेकिन किसी को भी जान का खतरा नहीं है।
लेकिन वैक्सीन से अन्य लोगों पर जो बुरा असर हुआ है, उसके बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। अमेरिकी मॉडर्ना कंपनी का कहना है कि इआन हेडन के साथ ही तीन कैंडिडेट को वैक्सीन की उच्च खुराक दी गई थी।
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लंबे समय तक बुरा असर
लड़के इआन हेडन ने कहा कि उन्हें बीमार पड़ने के बाद भी वैक्सीन लगवाने पर कोई पछतावा नहीं है। इआन ने कहा कि उन्हें इस बात का भी डर नहीं है कि इससे उनके शरीर पर लंबे समय तक बुरा असर पड़ सकता है।
इस पर मॉडर्ना कंपनी ने कहा था कि शुरुआत में जिन आठ लोगों को ट्रायल के दौरान वैक्सीन की खुराक दी गई थी उसका नतीजा सकारात्मक आया। अमेरिका की यह पहली वैक्सीन है जिसका टेस्ट लोगों पर किया गया।
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