अमेरिका-ईराक जंग: सहमी दुनिया, तो इन देशों ने दी ऐसी प्रतिक्रिया...

अमेरिका और ईराक के बीच हो रही जंग को लेकर कई देशों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने कई बार इस बाबत अमेरिका से बात भी की, वहीं पाकिस्तान समेत रूस, चीन इजराइल आदि कई देशों ने जंग पर अपनी राय दी है।

Update: 2020-01-08 07:31 GMT

अमेरिका और ईराक के बीच हो रही जंग (US-Iran Conflict) से पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है। कई देशों पर इसका प्रभाव बेहद गंभीर है। अर्थ व्यवस्था के साथ ही सुरक्षात्मक दृष्टि से भी देशों की स्थिति बदलती जा रही है। वहीं इन दोनों देशों के बीच के तनाव को तीसरे गृह युद्ध से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। ऐसे में कई देशों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने कई बार इस बाबत अमेरिका से बात भी की, वहीं पाकिस्तान समेत रूस, चीन इजराइल आदि कई देशों ने जंग पर अपनी राय दी है।

रूस का रुख:

ईरान पर अमेरिका की कार्रवाई पर रूस ने आपत्ति जताई है। रूस ने ईरान का समर्थन करते हुए इसे 'अमेरिका की अवैध कार्रवाई' बताई। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से कहा है कि अमेरिका का ईरान पर हमला 'अवैध' है। उसे ईरान के साथ बात करनी चाहिए।

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लावरोव के मुताबिक़, संयुक्त राष्ट्र का सदस्य देश होने के कारण ये जरुरी था कि अमेरिका इस बारे में यूएन के अन्या देशो को भी जानकारी दे। लेकिन उसने अन्य देशों की अनदेखी कर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। ऐसे में अमेरिका को इसके नतीजे भी भुगतने होंगे।

चीन ने भी दी अमेरिका को नसीहत:

वहीं इस मसले में चीन का रुख भी रूस की तरह ही है। वैसे तो चीन ने ईरान के जनरल सुलेमानी की मौत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन उसने दोनों पक्षों से शांति अपील की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग के मुताबिक़, बीजिंग इस मामले पर चिंतित है और वो लगातार मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव पर नजर बनाए हुए है। वहीं चीन ने भी इस मामले में दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने की हिदायत दी। चीन ने कहा कि वह ख़ास तौर पर अमेरिका से कहना चाहता है कि वो संयम रखे और तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए किसी तरह की कार्रवाई न करें।

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सीरिया और लेबनान ने दी जंग पर प्रतिक्रिया:

सीरिया के विदेश मंत्रालय ने भी इस मसले में ईराक और ईरान से संवेदना जताई और अमेरिका की निंदा की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि इराक की अस्थिरता का कारण अमेरिका है। इसके साथ साथ कतर और लेबनान के विदेश मंत्रालय ने भी वक्तव्य जारी कर विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की, ताकि मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति न बिगड़े।

क्या कहता है अफगानिस्तान?

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अमेरिका ईरान के बीच जंग शुरू होने पर अपना बयान जारी करते हुए बताया कि अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच 2014 में हुए सुरक्षा समझौता हुआ है। इसके अनुसार अफगान किसी देश के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल किये जाने की अनुमति नहीं देगा।

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क्या कहता है पाकिस्तान?

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने इसे तनावपूर्ण बताते हुए चिंता जताई और कहा कि ईरान के जनरल के मारे जाने के बाद क्षेत्रीय स्थिति में बदलाव आया है।पाकिस्तान शांति व्यवस्था में मदद करने में अपनी भूमिका निभाएगा।वहीं पाकिस्तान क्षेत्र में शांति स्थापित करने में सकारात्मक भूमिका निभाएगा और किसी के भी खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल किए जाने की अनुमति नहीं देगा। आसिफ गफूर ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का भी यही कहना है।

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