ट्रंप का बड़ा धमाकाः इजरायल-यूएई में कराई दोस्ती, बढ़ाई धमक
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिडिल ईस्ट में जबरदस्त भू राजनीतिक धमाका कर दिया है जिसकी धमक पूरी दुनिया में देखी जा रही है।
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिडिल ईस्ट में जबरदस्त भू राजनीतिक धमाका कर दिया है जिसकी धमक पूरी दुनिया में देखी जा रही है। ये धमाका है इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच दोस्ती कराने का। ट्रंप के प्रयासों का असर है कि दोनों देशों में रिश्तों को सामान्य करने के लिए सहमति बन गई है। इजरायल को मान्यता देने वाला संयुक्त अरब अमीरात खाड़ी क्षेत्र का पहला देश बन गया है।
ट्रम्प प्रशासन द्वारा कराये गए समझौते के तहत संयुक्त अरब अमीरात अब इजरायल के साथ पूर्णतया सामान्य सम्बन्ध बनाएगा। इसके बदले में इजरायल पश्चिमी तट यानी वेस्ट बैंक में अपने विस्तार की कार्रवाई को फिलहाल स्थगित कर देगा। ट्रंप ने इस समझौते को ‘विशाल उपलब्धि’ करार दिया है जो एकदम सही है। ये वाकई में एक बड़ा भू राजनीतिक भूकंप है।
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ट्रंप के दामाद की योजना
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल-यूंएई डील, ट्रम्प के दामाद जार्ड कुशनर की शांति योजना का रोडमैप का हिस्सा है। लेकिन इसमें दोनों सम्बंधित देशों की रजामंदी का होना सबसे बड़ी बात है। कुशनर की मूल योजना थी कि इजरायल और फलस्तीन शांति के लिए राजी हो जाएँ। इसमें इजरायल को वेस्ट बैंक का 30 फीसदी इलाका अपने कब्जे में रखने की इजाजत देने की बात थी। इसके बदले में फलस्तीन बाकी के 70 फीसदी इलाके में असैन्य स्थिति स्थापित करता। लेकिन फलस्तीनियों ने ये डील नामंजूर कर दी जबकि इजरायली प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने कहा कि वे वेस्ट बैंक पर इजरायली कब्जा जमाने की अपनी योजना पर आगे बढ़ने जा रहे हैं।
कुशनर लगातार मिस्र, जॉर्डन और खादी के देशों के संपर्क में थे। इन देशों का कहना था कि इजरायल द्वारा एकपक्षीय कार्रवाई से कोई भी शांति समझौता आगे नहीं बढ़ सकता। इसके बाद कुशनर डोनाल्ड ट्रम्प को ये समझाने में सफल रहे कि वे नेतान्याहू को अपनी योजना पर आगे बढ़ने से फिलहाल के लिए रोक दें। यही हुआ भी और नेतान्याहू को मानना पड़ा क्योंकि वो खुद एक घरेलू मामले में फंसे हुए हैं। नेतान्याहू को एक सहारे की तलाश थी। इसके बाद ये योजना बनी कि वेस्ट बैंक पर इजरायल के विस्तार को रोकने के बदले में संयुक्त अरब अमीरात के साथ शांति समझौता करा दिया जाएगा।
इस योजना पर आगे बात बढ़ी और इसमें सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भी भूमिका रही। अंततः इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात शांति समझौते पर राजी हो गए।
ट्रम्प और नेतन्याहू को फायदा
विश्ले षकों का कहना है कि इस डील से चुनावी बेला में ट्रंप को विदेश नीति के मोर्चे पर जीत मिली है। ट्रम्प के लिए ये एक बहुत बड़ी डिप्लोमेटिक जीत है। ट्रम्प ने वो करिश्मा कर दिखाया जो कई दशकों में कोई अमेरिकी प्रेसिडेंट नहीं कर पाया था। उनको चुनाव में इसका भरपूर लाभ मिलने की संभावना है। वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्यााहू को भी मजबूती मिली है जो इन दिनों भ्रष्टा चार के आरोपों से घिरे हुए हैं। यूएई को पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिकी से मदद मिलेगी और वह आधुनिकीकरण में तेजी से आगे बढ़ पायेगा वहीं सऊदी प्रिन्स बिन सलमान को अमेरिका के और भी करीब जाने और क्षेत्र में अपनी ताकत बढाने का मौक़ा मिला है।
ट्रम्प ने किया ऐलान
इस ऐतिहासिक डील के बारे में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा करते हुए कहा है कि ‘‘49 वर्षों बाद इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात अपने राजनयिक संबंध सामान्य बनाएंगे। वे अपने दूतावासों और राजदूतों का आदान प्रदान करेंगे और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग शुरू करेंगे जिनमें पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, व्यापार और सुरक्षा शामिल हैं।
इजरायल ने विस्तार रोका
इस समझौते के बाद इजरायल ने वेस्ट बैंक इलाके में कब्जा करने की योजना को टाल दिया है। अमेरिका, इजराइल और यूएई की तरफ से जारी किया गए संयुक्त बयान के मुताबिक इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे जिनमें- निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दे शामिल होंगे। संयुक्त बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सुप्रीम कमांडर ने 14 अगस्त को बात की और इजरायल और यूएई के बीच संबंधों के पूर्ण रूप से सामान्य बनाने सहमति व्यक्त की।
वेस्ट बैंक पर आधिकारिक कब्जा
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याूहू ने कहा है कि उन्हों ने वेस्टा बैंक पर कब्जेह की योजना में 'देरी' कर दी है। हालांकि अभी इजरायल ने इसे छोड़ा नहीं है। इस कब्जे के बाद वेस्टि बैंक का कुछ हिस्साज आधिकारिक रूप से इजरायल का हिस्सा हो जाएगा। नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंकने वेस्टि बैंक की योजना को छोड़ा नहीं है और इस संबंध में अमेरिका के साथ पूरा समन्वय चल रहा है।
डील की खास बातें
- इजरायल यूएई की कोरोना वैक्सीेन बनाने में मदद करेगा।
- इजरायल ऊर्जा, पानी, पर्यावरण संरक्षण और कई अन्यच क्षेत्रों में सहयोग करेगा।
- दोनों देश अबुधाबी से तेल अवीव तक फ्लाइट की शुरुआत भी करेंगे। इससे यूएई के मुसलमान यरुशलम के ओल्ड सिटी में अल-अक्सा मस्जिद जा सकेंगे।
कड़ी प्रतिक्रियाएं
डील पर विरोध और कड़ी प्रतिक्रियाएं भी हुईं हैं। फलस्तीन ने तो डील को धोखा करार दिया है और यूएई से अपना दूत वापस बुला लिया है। उग्रवादी संगठन हमास ने इसे पीठ में छुरा घोपने जैसा करार दिया है। इजरायल में कई लोगों ने वेस्टद बैंक पर कब्जेप की योजना को टालने पर नाराजगी जताई है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह एल सीसी ने कहा है हमारे क्षेत्र में खुशहाली और स्थायित्व पाने के प्रयासों का वे सम्मान करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुतेर्रेस ने इस पहल का स्वागत किया है।
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फैक्ट फाइल
- इजरायल के साथ अरब देशों में सिर्फ जॉर्डन और मिस्र के राजनयिक सम्बन्ध हैं।
- मिस्र ने इजरायल के साथ 1979 और जॉर्डन ने 1994 में शांति समझौता किया था।
- अफ्रीकी देश मॉरिटानिया ने इजरायल को 1999 में मान्यता दी थी लेकिन 2009 में गाजा के युद्ध के बाद सम्बन्ध तोड़ लिए थे।
- इजरायल का वेस्ट बैंक और जेरुसलम पर 1967 के युद्ध के बाद से ही कब्जा है। इन इलाकों को फलस्तीनी अपने भविष्य के देश का हिस्सा मानते हैं।
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