अपने ही पिता के फैसले के खिलाफ खड़ी हुई डोनाल्ड ट्रंप की बेटी, जानें पूरा मामला

अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उपद्रवियों ने कई शहरों में लूटपाट कर सरकारी सम्पतियों को आग के हवाले कर दिया है।

Update: 2020-06-04 07:30 GMT

वाशिंगटन: अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उपद्रवियों ने कई शहरों में लूटपाट कर सरकारी सम्पतियों को आग के हवाले कर दिया है।

भीड़ पर काबू पाने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए मुसीबतें उस वक्त और बढ़ गई। जब उनकी अपनी ही बेटी टिफनी ट्रंप ने भी फ्लॉयड की मौत पर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। टिफनी ने इंस्टाग्राम पर गुस्सा जाहिर करते हुए एक ब्लैक स्क्रीन पोस्ट किया है।

साथ ही उन्होंने #BlackoutTuesday #justiceforgeorgefloyd हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, ''अकेले हम कम हासिल कर सकते हैं, एक साथ हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।'

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ऐसा करने वाली ट्रंप परिवार की वह कोई एकलौती सदस्य नहीं है बल्कि डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी पत्नी और टिफनी की मां मार्ला मैपल्स ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए ब्लैक स्क्रीन की तस्वीर पोस्ट की है।

इसी कड़ी में राजधानी वॉशिंगटन डीसी में महात्मां गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया है। पुलिस ने दोषियों के खिलाफ जांच और धरपकड़ की कार्यवाही शुरू कर दी है। ब्लैकलाइव्समैटर के समर्थक वॉशिंगटन में प्रदर्शन के लिए अभी भी सड़कों पर जमे हुए हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘आपको वर्चस्व कायम करने वाला सुरक्षा बल रखना होगा। हमें कानून व्यवस्था कायम रखने की जरूरत है।

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अमेरिका के राजदूत ने भारत से मांगी माफ़ी

राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा’ , ‘आपने देखा कि इन सभी जगहों पर, जहां समस्याएं हुईं, वहां पर रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में नहीं है। वहां उदारवादी डेमोक्रेट शासन में हैं। ’

इस मामले में व्हाइट हाउस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते बताया कि सोमवार रात व्हाइट हाउस के बाहर की गई कठोर कार्रवाई का राष्ट्रपति ने समर्थन किया है, जो देश की राजधानी में आक्रामक कार्रवाई कर शेष देश के लिये एक उदाहरण पेश करना चाहते थे।

उधर वाशिंगटन में जो कुछ हुआ है। उस पर भारत में अमेरिका के राजदूत ने दुख अफ़सोस जताया है और इसके लिए लोगों से माफी भी मांगी है। जबकि रक्षा विभाग ने आवश्यकता पड़ने पर सैनिकों को तैनात करने के लिए आकस्मिक योजनाएं बनाई हैं।

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