क्या डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने दुनिया से पहले भी छिपाई थी ऐसी बात, ट्रंप ने दी चेतावनी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका की ओर से दिए जाने वाले वित्त पोषण पर रोक लगाएंगे। उन्होंने संगठन पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान सारा ध्यान चीन पर केंद्रित करने का आरोप लगाया।

Update: 2020-04-13 13:43 GMT

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका की ओर से दिए जाने वाले वित्त पोषण पर रोक लगाएंगे। उन्होंने संगठन पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान सारा ध्यान चीन पर केंद्रित करने का आरोप लगाया।

ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली राशि पर रोक लगाने जा रहे हैं।

कोरोना वायरस के आतंक के बीच WHO की भूमिका संदेह के घेरे में आ चुकी है। अमेरिका समेत यूएन के सदस्य देश भी आरोप लगा रहे हैं कि संगठन ने महामारी की संक्रामकता को लेकर लापरवाही दिखाई और देर से आगाह किया।

अब WHO संगठन के साथ-साथ उसके प्रमुख Dr Tedros पर भी आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि इथोपिया के हेल्थ मिनिस्टर के अपने कार्यकाल के दौरान Dr Tedros ने वहां 3 बार फैली कॉलरा (हैजा) की बीमारी की गंभीरता दुनिया से छिपाए रखी। माना जा रहा है कि अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए डॉ ने बीमारी को कॉलरा की जगह डायरिया बताया था।

ये भी पढ़ें...अनूठा बूथ, उपचार में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को करेगा कोरोना फ्री

ये भी पढ़ें...ट्रंप ने WHO पर कसा तंज, फंडिंग रोकने की दी धमकी

क्या था मामला

जब Dr Tedros इथोपिया के स्वास्थ्य मंत्री हुआ करते थे, उसी दौरान 3 बार वहां कॉलरा फैला, ये साल 2006, 2009 और 2011 की घटना है। ठीक एक साल बाद Dr Tedros हेल्थ मिनिस्टर की जगह विदेश मंत्री नियुक्त कर दिए गए और इसी पद पर साल 2016 तक रहे। अगले ही साल ये आरोप लगने लगे कि अपने ही देश में हेल्थ मिनिस्टर रहते हुए Dr Tedros ने कॉलरा जैसी खतरनाक बीमारी को नजरअंदाज कर दिया।

तब Tedros ने WHO में काम शुरू कर दिया था। तब पब्लिक हेल्थ लॉ में जाना-माना नाम Professor Larry Gostin ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में Dr Tedros पर आरोप लगाते हुए कहा कि अच्छे पब्लिक हेल्थ अफसर होने के बाद भी उन्होंने अपने ही देश में इस बीमारी की बात छिपाई थी।

कितना हुआ नुकसान

साल 2006 में हुए कॉलरा संक्रमण के दौरान लगभग 60 हजार लोग इससे संक्रमित हुए थे, जबकि 680 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान UN ने इसे एक इमरजेंसी की तरह देखने को भी कहा था लेकिन तत्कालीन हेल्थ मिनिस्टर Dr Tedros ने इससे इनकार कर दिया था। 2009 में ये बीमारी फिर फैली और 18,000 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आए।

वहां के एक त्योहार Meskel के दौरान संक्रमितों की संख्या और बढ़ी लेकिन इसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता है। साल 2011 में खुद WHO ने कॉलरा पर चिंता जताते हुए कहा कि 5 मिलियन से ज्यादा इसकी चपेट में आ सकते हैं लेकिन इसके बाद भी इसे आउटब्रेक की तरह रजिस्टर नहीं किया गया और सैलानियों के लिए रास्ते खुले रहे।

ट्रंप पर बरपा कोरोना का कहर, 18 दिनों में घट गई इतनी संपत्ति

Tags:    

Similar News