China Richest Country: दुनिया का सबसे अमीर देश बना चीन, आइये जाने क्या कहती है ये रिपोर्ट

China Richest country: मैकिन्ज़ी एंड कंपनी (Management Consultant McKinsey & Company) की रिपोर्ट के मुताबिक चीन (China) अब दुनिया का सबसे अमीर देश (Richest Country) बन चुका है।

Newstrack :  Neel Mani Lal
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-11-16 14:48 IST

China Richest country: वही हुआ जिसकी अपेक्षा थी। चीन (China Richest country) अब दुनिया का सबसे अमीर देश बन चुका है। अमेरिका की दशकों पुरानी बादशाहत छीन चुकी है। मैकिंजी ग्लोबल इंस्टिट्यूट (McKinsey Global Institute report) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इंस्टिट्यूट ने दुनियाभर के 10 देशों की बैलेंस शीट की जांच करके यह रिपोर्ट तैयार की है। दुनियाभर की आमदनी का 60 फीसदी इन्हीं देशों के हिस्से में आता है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की नेटवर्थ की बात करें तो यह साल 2000 में 156 ट्रिलियन डॉलर था, जो 2020 में तिगुना बढ़कर 514 ट्रिलियन डॉलर हो चुकी है। जिन दस देशों पर फोकस किया गया है वे हैं – ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, मेक्सिको, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका। 

तीन गुना बढ़ गई चीन की दौलत

पिछले 20 साल में चीन की दौलत तिगुनी हो गई है। 2000 में उसकी नेटवर्थ 7 ट्रिलियन डॉलर थी, जो 2020 में बढ़कर 120 ट्रिलियन डॉलर हो गई। 2001 में चीन ने वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन ज्वाइन किया था। इस दौरान अमेरिका की नेट वर्थ बढ़ 90 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। इस रिपोर्ट में एक और बड़ी बात सामने आई है कि दोनों देशों में दो तिहाई से ज्यादा संपत्ति पर 10 प्रतिशत अमीर वर्ग का कब्जा है। और उनकी हिस्सेदारी बढ़ती ही जा रही है। मैकिंजी (McKinsey Global Institute report 2021) की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया की कुल संपत्ति में 68 फीसदी हिस्सेदारी रियल एस्टेट सेक्टर की है। इनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी और इक्विपमेंट, इंटेलेक्टुअल प्रॉपर्टी और पेटेंट भी शामिल है। वैश्विक संपत्ति के कैलकुलेशन में वित्तीय एसेट्स (Financial Assets) को शामिल नहीं किया गया है। प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि न होने के कारण अमेरिका पीछे रह गया है। इसी वजह से जहाँ चीन की नेट वर्थ तीन गुनी बढ़ गयी वहीँ अमेरिका (America) के लिए यह दोगुना हो कर 90 ट्रिलियन हो गयी। जिन दस देशों का आंकलन किया गया है उनमें वर्ष 2000 में दौलत में जापान (Japan) की हिस्सेदारी 31 फीसदी थी लेकिन 2020 में यह मात्र 11 फीसदी रह गयी। 

चीन में जीडीपी से ये 8.2 गुना है

मैकेंजी की रिपोर्ट की ख़ास बात ये है कि नेटवर्थ और जीडीपी के बीच का ऐतिहासिक लिंक तोड़ दिया गया है। अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक ग्रोथ बीते बीस साल में धीमी रही है, लेकिन जीडीपी से हमेशा जोड़ कर देखी गयी नेटवर्थ तेजी से आगे बढ़ी है। अमेरिका में जीडीपी से 4.3 गुना नेट वर्थ है जबकि चीन में ये 8.2 गुना है। ये बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि संपत्तियों की कीमत बढ़ी है और ब्याज दरें नीचे आईं हैं।

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