अभी-अभी भूकंप का कहर: तड़के सुबह हिल गया इंडोनेशिया, रिक्टर स्केल पर 6.0 मापी गई तीव्रता

Earthquake Update: इंडोनेशिया के कोटामोबागु सुलावेसी में मंगलवार को सुबह करीब 7:00 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई।

Report :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-04-19 08:02 IST

Earthquake (Image Credit : Social Media)

Earthquake in Indonesia : इंडोनेशिया के कोटामोबागु सुलावेसी में आज सुबह लगभग 6:53 पर भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के मुताबिक 19 अप्रैल को इंडोनेशिया में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.0 मापी गई। गौरतलब है कि हाल के कुछ महीने में इंडोनेशिया में भूकंप के झटके कुछ ज्यादा ही महसूस किए जा रहे हैं। अकेले अप्रैल महीने में ही करीब 4 बार इंडोनेशिया में 5 तीव्रता से अधिक का भूकंप आ चुका है।

सुनामी की चेतावनी

मंगलवार को सुबह 7:00 बजे के करीब आए 6.0 तीव्रता वाले के भूकंप के बाद इंडोनेशिया में मौसम विभाग ने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है। जिसके बाद तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को घरों को खाली करने का एडवाइजरी जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि बीते कुछ दिन पहले भी भूकंप आने के बाद इंडोनेशिया में सुनामी की चेतावनी जारी।

17 अप्रैल को भी आया था भूकंप

बता दें इंडोनेशिया में अप्रैल महीने में ही करीब 4 बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए जा चुके हैं। आज से 2 दिन पहले भी इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत पापुआ में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। 17 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 मापी गई थी। हालांकि इस भूकंप का केंद्र केपुलुआन यापेन जनपद के उत्तर पश्चिम में स्थित समुद्र तट पर 10 किलोमीटर नीचे था। इस भूकंप के आने के बाद भी 17 अप्रैल को मौसम विभाग द्वारा सुनामी की कोई चेतावनी नहीं जारी की गई थी।

5 अप्रैल को भी आया था भूकंप

17 अप्रैल के पहले इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सुबह-सुबह ही भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता भी 6.0 मापी गई थी। जिसके बाद विज्ञान, जलवायु विज्ञान एवं भू भौतिकी एजेंसी द्वारा इस क्षेत्र से जुड़े तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी। हालांकि 5 अप्रैल को आए 6.0 तीव्रता वाले भूकंप से इंडोनेशिया में किसी भी तरह की जान माल की कोई हानि नहीं हुई थी।

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