फ्रांस ने मुस्लिमों के खिलाफ लिया एक और बड़ा ऐक्शन, गृह मंत्री के इस बयान पर बवाल

फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने एक नए बिल बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस ने कट्टर इस्लाम के खिलाफ जंग शुरू कर दी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में अलगाववाद को रोकने वाले एक नए बिल के बारे में जानकारी दी।

Update:2020-11-03 20:00 IST
फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने एक नए बिल बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस ने कट्टर इस्लाम के खिलाफ जंग शुरू कर दी है।

लखनऊ: फ्रांस में एक टीचर की हत्या के बाद से राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कट्टर इस्लाम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक अलगाववाद पर कार्रवाई करने का ऐलान किया था। मैक्रों ने मस्जिदों की फंडिंग और अन्य धार्मिक संगठनों पर कड़ी निगरानी करने की बात कही थी।

अब फ्रांस ने इस पर कड़े कदम उठाना शुरू कर दिया है। फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने एक नए बिल बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस ने कट्टर इस्लाम के खिलाफ जंग शुरू कर दी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में अलगाववाद को रोकने वाले एक नए बिल के बारे में जानकारी दी थी।

...तो फ्रांस में हो सकती है जेल

डारमेनिन ने कहा कि कोई विपरीत लिंग के डॉक्टर से इलाज कराने से मना करता है, तो फ्रांस में पांच साल की जेल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही 75,000 यूरो का जुर्माना भरना पड़ सकता है। डारमेनिन का कहना है कि किसी भी शख्स पर लागू होंगे। उन्होंने बताया कि अगर कोई महिला टीचर से पढ़ने से मना करता है, तो उसे भी सजा दी जाएगी। लेकिन अभी इस बिल के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। इस बिल का अभी से सोशल मीडिया विरोध किया जा रहा है।

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''इस्लाम पूरी दुनिया में संकट में''

फ्रांस की सरकार की तरफ से दिसंबर में अलगाववाद को रोकने वाला बिल पेश किया जाएगा। यह बिल चर्च और सरकार को अलग रखने वाले 1905 के कानून को और मजबूती देगा। मैक्रों ने अपने बयान में कहा था कि इस्लाम पूरी दुनिया में संकट में है। इसके बाद उनके बयान का इस्लामिक दुनिया के कई देशों में विरोध किया गया।

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फ्रांस के गृह मंत्री डारमेनिन पहले भी अपने बयानों की वजह विवाद में फंस गए थे। उन्होंने एक इंटरव्यू कहा कि हमेशा से बाजार में धार्मिक समुदाय विशेष के लिए हलाल मांस की अलग से दुकानें देखकर हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि अलग से इन उत्पादों की बिक्री से अल्पसंख्यक समुदाय का आइसोलेशन बढ़ता है और कई बार ये उन्हें कट्टरपंथ की ओर लेकर जाता है। इसके साथ उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए खाना और कपड़े तैयार करने वाली कंपनियों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियां देश में अल्पसंख्यकों को और अलग-थलग कर रही हैं।

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