भारतीय डॉक्टर्स और नर्स पर बड़ी खबर, अमेरिका कर सकता है ये एलान

अगर ये बिल क़ानून बन गया तो अमेरिका में रह रहे भारतीय डॉक्टर्स और नर्सों को ग्रीन कार्ड देने या स्थानीय कानूनी निवास का अधिकार हासिल हो जाएगा।

Update:2020-05-09 11:58 IST

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने पिछले कई महीनों से हाहाकार मचा रखा है। क्या चीन क्या अमेरिका और क्या ब्रिटेन हर जगह कोरोना का प्रकोप लगातार जारी है। अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर इस कदर हावी है कि विश्व के सबसे ताकतवर देश की स्वास्थ्य व्यवस्था भी लड़खड़ा गई है। ऐसे में अब अमेरिका ने स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे भारतीयों को लेकर एक विधेयक अमेरिकी संसद में पेश किया है। अब अगर ये बिल क़ानून बन गया तो अमेरिका में रह रहे भारतीय डॉक्टर्स और नर्सों को ग्रीन कार्ड देने या स्थानीय कानूनी निवास का अधिकार हासिल हो जाएगा।

25,000 नर्सों और 15,000 डॉक्टरों को जारी होगा ग्रीन कार्ड

द हेल्थकेयर वर्कफोर्स रेसिलिएंस एक्ट' से उन ग्रीन कार्ड्स को जारी किया जा सकेगा जिन्हें पिछले वर्षों में कांग्रेस ने मंजूरी दी थी लेकिन उन्हें किसी को दिया नहीं गया। ये विधेयक अमेरिका में रह रहे भारतीय डॉक्टर्स या नर्सों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। क्योंकि अगर ये विधेयक क़ानून बन गया तो हजारों डॉक्टर्स, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ अमेरिका में स्थायी रूप से काम कर सकेंगे।

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इस विधेयक से कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान 25,000 नर्सों और 15,000 डॉक्टरों को ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चिकित्सा पेशेवरों की कमी न हो। अमेरिका द्वारा कोरोना वायरस की मुसीबत को देखते हुए ये एक बड़ा फैसला लिया गया। गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। और आए दिन अमेरिका में इस वायरस से संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती जा रही है।

एच-1बी और जे2 वीजा वालों को मिलेगा लाभ

इस कदम से बड़ी संख्या में उन भारतीय नर्सों और डॉक्टरों को फायदा होने की संभावना है, जिनके पास या तो एच-1बी या जे2 वीजा हैं। प्रतिनिधि सभा में इस विधेयक को सांसद एबी फिनकेनॉर, ब्रैंड श्नीडर, टॉम कोले और डॉन बैकन ने पेश किया। तो वहीं सीनेट में डेविड परड्यू, डिक डर्बिन, टॉड यंग और क्रिस कून्स ने इस विधेयक को पेश किया।

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कांग्रेस सदस्य फिनकेनॉर ने कहा, 'हम जानते हैं कि यह विषाणु जादुई ढंग से गायब नहीं हो जाएगा और डॉ. एंथनी फॉसी जैसे विशेषज्ञ संक्रमण के दूसरे दौर की चेतावनी दे रहे हैं। खासतौर से ग्रामीण इलाकों में हालात नाजुक हैं और वहां पहले से ही चिकित्सा पेशेवरों की कमी है।'

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