वैज्ञानिकों ने बताया, आखिर कब तक खत्म होगा कोरोना वायरस

कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकरा मचा हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए तमाम देश लॉकडाउन करने पर मजबूर हैं।

Update: 2020-04-14 15:44 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकरा मचा हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए तमाम देश लॉकडाउन करने पर मजबूर हैं। देश में भी इस जानलेवा वायरस के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद हो गए हैं जिससे उनकी मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। सेहत के साथ ही लॉकडाउन से लोगों की आजीविका पर भी संकट पैदा हो गया है। लोगों को मन में ये सवाल उठने लगा है कि आखिर सब कुछ कब सामान्य होगा? कोरोना वायरस की महामारी से कब छुटकारा मिलेगा।

दुनिया के कई देश लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ दिन पहले यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि उन्हें भरोसा है कि उनका देश 12 हफ्तों में कोरोना वायरस पर काबू पा लेगा, तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में जल्द सब कुछ सामान्य हो जाएगा। लेकिन इस बीच हेल्थ एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि कोरोना वायरस की चुनौती से दुनिया इतनी जल्दी छुटकारा नहीं पा सकेगी।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेष राजदूत डेविड नाबारो ने भी आगाह किया है कि कोरोना वायरस मानव जाति का लंबे वक्त तक पीछा करता रहेगा। उन्होंने कहा कि जब तक लोग वैक्सीन से खुद को सुरक्षित नहीं कर लेते, कोरोना वायरस का प्रकोप जारी रहेगा।

हार्वर्ड चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में ग्लोबल हेल्थ इकोनॉमिस्ट एरिक फिगेल डिंग का कहना है कि शायद अभी हमें एक या दो महीने तक लॉकडाउन में रहना पड़े। उन्होंने कहा कि ये बात तय है कि कोरोना वायरस अगले तीन हफ्तों में गायब नहीं होने वाला है, हम वुहान से चाहे जितनी तुलना करने की कोशिश करें, लेकिन ये संभव नहीं है।

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उन्होंने कहा कि हमारे यहां वुहान की तरह कोरोना वायरस का सिर्फ एक केंद्र नहीं है...हम देश के बाकी हिस्सों से सभी डॉक्टरों और नर्सों को बुलाकर एक जगह पर नहीं ला सकते हैं जैसा चीन ने किया। इसलिए हमें कम से कम दो महीने या उससे ज्यादा वक्त लग जाएगा। अगर वैक्सीन 12 महीने से पहले आ जाती है तो हम जल्द से जल्द सभी लोगों को वैक्सीन से सुरक्षित करना शुरू कर देंगे।

अमेरिकी कोरोना वायरस टास्कफोर्स के सदस्य और महामारी विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फाउची का कहना है कि हम ये नहीं कह सकते हैं कि ये महामारी एक या दो हफ्ते में खत्म होने वाली है। मुझे नहीं लगता है कि ऐसी कोई संभावना भी है। डॉ. फाउची ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस का जड़ से खत्म होना मुश्किल है, हो सकता है कि ये सीजनल बीमारी का रूप धारण कर ले।

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हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन बनने के बाद ही कोरोना वायरस की रोकथाम हो सकेगी। हालांकि, अभी तक कोरोना वायरस के लिए कोई भी वैक्सीन नहीं बन सकी है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर नील फार्ग्युसन के मुताबिक, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कदम संक्रमण की धीमी रफ्तार के लिए बहुत जरूरी हैं। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक बड़े पैमाने पर सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत बनी रहेगी। कॉलेज की ही एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बनने में करीब 18 महीनों का वक्त लग सकता है।

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